प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करें : प्रो. चौधरी
एनआईटी जमशेदपुर के प्रो. एके चौधरी ने कहा कि स्थायी जीवनशैली को अपनाकर हमारे अनमोल प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के कारण पर्यावरण पर...
एनआईटी जमशेदपुर के प्रो. एके चौधरी ने कहा कि स्थायी जीवनशैली को अपनाकर हमारे अनमोल प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव के बारे में कई अध्ययनों का हवाला दिया। वे रविवार को प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में अग्रणी और टिकाऊ विकास विषय पर आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के हॉल साकची में रविवार को उन्होंने कहा कि हममें से प्रत्येक व्यक्ति को अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए योगदान करना चाहिए। इस कार्यक्रम को बड़े जन जागरूकता के जरिए बड़े पैमाने पर आंदोलन में बदलना चाहिए। एनआइटी के ही मेकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. आरवी शर्मा ने ग्लोबल वार्मिंग और हरे रंग के प्रभाव पर विचार रखे। उन्होंने ग्रीन हाउस प्रभाव को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार मानकों और गतिविधियों पर चर्चा की। इसमें आईएसएम धनबाद, एनआईटी जमशेदपुर, आरवीएस इंजीनियरिंग कॉलेज, टाटा टेक्नोलॉजीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील आदि के शोध छात्रों व विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। विषयों और कागज में सम्मिश्र सामग्री, घर्षण आर्क वेल्डिंग, आयामी विश्लेषण और माप शामिल हैं। इसके अलावा, विनिर्माण क्षेत्र की स्थिति में सुधार के तरीकों पर भी चर्चा हुई। अंत में प्रतिभागियों के बीच सेमिनार प्रमाणपत्रों और स्मृति चिन्ह वितरित किए गए।