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एमजीएम को डेंगू वार्ड खोलने के लिए मरीज का इंतजार

जिले में अब तक डेंगू के नौ मरीज मिल चुके हैं। इसके बावजूद कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) का डेंगू वार्ड बंद पड़ा हुआ है। एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बी भूषण ने...

एमजीएम को डेंगू वार्ड खोलने के लिए मरीज का इंतजार
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 04 Jul 2017 04:05 PM
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जिले में अब तक डेंगू के नौ मरीज मिल चुके हैं। इसके बावजूद कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) का डेंगू वार्ड बंद पड़ा हुआ है। एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बी भूषण ने बताया कि अभी अस्पताल में एक भी डेंगू मरीज नहीं आया है। इसलिए मेंटेन रखने के लिए आईसोलेशन वार्ड को बंद रखा गया है। हालांकि रोशनदान से झांकने पर आईसोलेशन वार्ड के अंदर धूल और गंदगी है। अधीक्षक की बातों से लगता है कि जब मरीज आयेगा तो उसे भर्ती करने के बजाय पहले वार्ड की सफाई कराई जाएगी। आईसोलेशन वार्ड के बगल में टीबी मरीजों का इलाज : आईसोलेशन वार्ड के बाहर टीबी मरीजों के लिए वार्ड बनाया गया है, जहां तीन टीबी मरीजों का इलाज भी चल रहा है। टीबी एक संक्रामक बीमारी है। ऐसे में अगर डेंगू वार्ड में किसी मरीज को भर्ती किया भी जाता है तो उसे इलाज मिलने से ज्यादा टीबी के संक्रमण का खतरा रहेगा। दो वर्षों से अनियमित है आईसोलेशन वार्ड : पूर्वी सिंहभूम जिले को मच्छरजनित बीमारियों का प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां लगभग पूरे साले मच्छरजनित बीमारियों के मरीज मिलते रहते हैं। पर इस स्थिति के बावजूद दो साल से एमजीएम का आईसोलेशन वार्ड (डेंगू वार्ड) अनियमित है। वर्ष 2015 में एमजीएम के आईसीयू के पास चार बेड का आईसोलेशन वार्ड शुरू किया गया था। अगले ही साल इस जगह पर पीपीपी मोड पर रेडियोलॉजी केंद्र खोलकर आईसोलेशन वार्ड को बी ब्लॉक के तीसरे तल पर टीबी वार्ड के बगल में शिफ्ट कर दिया गया। पिछले वर्ष डेंगू का प्रकोप को होने के कारण यहां पर छह बेड भी बढ़ाए गए। डेंगू का प्रकोप रुकते ही वार्ड में ताला लटका दिया गया।

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