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इनसे सीखें : तीन हजार रक्तमित्र दे रहे सांसों की सौगात

जमशेदपुर में तीन हजार से ज्यादा रक्तमित्र हैं, जो हजारों लोगों को सांसों की सौगात दे रहे हैं। लौहनगरी में ऐसे भी रक्तदाता हैं, जो जेब में कूपन लेकर घूमते हैं कि न जाने कहां, किसे खून की जरूरत पड़...

इनसे सीखें : तीन हजार रक्तमित्र दे रहे सांसों की सौगात
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 12 Sep 2017 03:46 PM
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जमशेदपुर में तीन हजार से ज्यादा रक्तमित्र हैं, जो हजारों लोगों को सांसों की सौगात दे रहे हैं। लौहनगरी में ऐसे भी रक्तदाता हैं, जो जेब में कूपन लेकर घूमते हैं कि न जाने कहां, किसे खून की जरूरत पड़ जाए। कभी रक्तदान नहीं करने वाले परिवार भी खून की जरूरत पड़ने पर इन्हीं रक्तमित्रों से संपर्क करते हैं। रक्तमित्रों की वजह से जिन्दा हैं 663 मरीज : रक्तमित्रों की बदौलत जमशेदपुर व कोल्हान में 663 थैलेसीमिया, सिकल सेल एवं हीमोफिलिया के मरीज जीवित हैं। उन्हें जमशेदपुर ब्लड बैंक से प्रतिवर्ष नि:शुल्क व समय पर 12 सौ यूनिट रक्त उपलब्ध कराए जाते हैं। खून के बदले खून : अस्पतालों व नर्सिंग होम की पर्ची पर जरूरतमंदों को खून जरूर मिल जाता है, लेकिन बदले में परिजनों को भी खून देना पड़ता है, क्योंकि खून का उत्पादन नहीं होता व न ही कहीं बाजारों में बिकता है। रक्तदाताओं की बदौलत ही रक्त ब्लड बैंक तक पहुंचता है। एमजीएम अस्पताल को सुविधा : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम को जमशेदपुर ब्लड बैंक से ही नि:शुल्क व बगैर किसी अदला-बदली के रक्त उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए मरीजों के परिजन से सिर्फ रक्त प्रोसेसिंग शुल्क लिया जाता है। जमशेदपुर पूर्वी भारत में नंबर वन : रेडक्रॉस सोसाइटी के श्याम कुमार के अनुसार, जमशेदपुर में पूर्वी भारत के सबसे अधिक रक्तदाता हैं। कोल्हान के तीनों जिलों समेत झारखंड के अन्य शहरों में भी जरूरत के अनुसार ब्लड बैंक से रक्त भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर व कोल्हान की आबादी व रक्त की जरूरत के अनुसार अन्य लोगों को भी जागरूक होना चाहिए। इससे एक व्यक्ति ने अगर जीवन में सिर्फ एक बार भी रक्तदान किया तो कभी किसी को खून की दिक्कत नहीं होगी।

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