सबरों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विनीत कर रहे पहल
जमशेदपुर में किसी को अगर किसी भी तरह की जरूरत महसूस होती है तो विनीत सहाय फरिश्ते के रूप में पहुंचकर उनकी मदद करते हैं। विनीत पेशे से इंटीरियर डेकोरेटर हैं। कन्या गुरुकुल का उठाते हैं खर्च : पारडीह...
जमशेदपुर में किसी को अगर किसी भी तरह की जरूरत महसूस होती है तो विनीत सहाय फरिश्ते के रूप में पहुंचकर उनकी मदद करते हैं। विनीत पेशे से इंटीरियर डेकोरेटर हैं। कन्या गुरुकुल का उठाते हैं खर्च : पारडीह में एक कन्या आवासीय वैदिक स्कूल संचालित है। यहां लड़कियों को नि:शुल्क वेद की शिक्षा मिलती है। विनीत इस स्कूल के खर्च में मासिक सहयोग करते हैं। सबरों के कल्याण को आगे आए : सबरों का विकास कैसे हो? वे कैसे मुख्यधारा में जुड़ें। उन्हें कैसे वर्तमान तकनीक और सुविधाओं का लाभ मिले। इसके लिए विनीत चिंतित हैं और सबरों के उत्थान के लिए पहल कर रहे हैं। इंद्रजीत को भेजा दिल्ली : सरायकेला-खरसांवा के बड़ाजामदा के इंद्रजीत को इन्होंने दिल्ली भेजा। इंद्रजीत ने पहाड़ पर चढ़नेवाली साइकिल बनाई हैं। केंद्र सरकार द्वारा संचालित इंस्पायर अवार्ड में इंद्रजीत को देश में 9वां स्थान मिला है। केंद्र सरकार ने उन्हें टोक्यो में लगने वाली साइंस प्रदर्शनी के लिए चयनित किया। लेकिन, ट्रक ड्राइवर के बेटे इंद्रजीत के लिए इतना खर्च उठाना मुश्किल था। ऐसे में विनीत ने इंद्रजीत के दिल्ली आने-जाने का पूरा खर्च उठाया। इंद्रजीत 24 मई को ही दिल्ली के लिए रवाना हुए। 27 मई को वह टोक्यो जाएंगे। बचपन से कर रहे मदद : विनीत बताते हैं कि उन्होंने बिष्टूपुर सेंट मेरीज हिंदी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। स्कूल में ही बच्चों का कैबिनेट बना जो आसपास के लोगों की मदद करता था। बचपन में ही मानव सेवा करने में जो खुशी मिली, सेवा की वह मिठास अभी भी महसूस करना चाहता हूं। उनका मानना है कि हर कोई अगर अपने पास से समाज को थोड़ा-थोड़ा मदद करे तो शहर क्या पूरा देश बदल जाएगा। विनीत के पिता जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में भौतिकी के एचओडी थे।