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घाघीडीह सेन्ट्रल जेल में फोर जी के जमाने में टू जी जैमर

यह विडंबना ही है कि 4 जी के इस जमाने में घाघीडीह सेंट्रल जेल जैसी खतरनाक जगह में 2 जी का जैमर लगाया गया हो। आज नहीं, बल्कि जबसे जेल की स्थापना हुई, तब से अब तक जेल के अंदर टूजी जैमर ही लगा हुआ है।...

घाघीडीह सेन्ट्रल जेल में फोर जी के जमाने में टू जी जैमर
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 04 Jul 2017 11:32 AM
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यह विडंबना ही है कि 4 जी के इस जमाने में घाघीडीह सेंट्रल जेल जैसी खतरनाक जगह में 2 जी का जैमर लगाया गया हो। आज नहीं, बल्कि जबसे जेल की स्थापना हुई, तब से अब तक जेल के अंदर टूजी जैमर ही लगा हुआ है। नतीजा यह है कि 4 जी का सिम और स्मार्टफोन जेल के अंदर आसानी से पहुंच जाता है और अपराधियों को उनकी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करने में मदद मिल रही है। ऐसे जैमर का क्या औचित्य सवाल यह है कि ऐसे जैमर का क्या फायदा, जो जेल के अंदर मोबाइल पर बातचीत न रोक सके। सूत्रों के अनुसार, टूजी जैमर जब लगाया गया था, उसमें भी लगभग 7 लाख रुपये खर्च आया था। तब यह बताया गया कि इस जैमर की क्षमता इतनी ज्यादा है कि घाघीडीह सेंट्रल जेल के आसपास के इलाकों में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन भी बाधित हो सकते हैं, लेकिन नतीजा यह निकला कि जेल के बाहर क्या जेल के अंदर भी जैमर काम नहीं कर सका। जेल प्रशासन फोर जी जैमर लगाने में नहीं ले रहा रुचि इतना सब कुछ जानते हुए कि जेल के अंदर मोबाइल फोन का धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है उससे जेल के बाहर की आपराधिक गतिविधियां संचालित होती हैं, जेल में फोर जी जैमर की व्यवस्था नहीं की गई। जेल प्रबंधन एवं कारा विभाग की तरफ से यह बताया गया कि हैदराबाद की एक कंपनी ने जेल के अंदर 4जी जैमर लगाने का ब्योरा तैयार किया है और उसे जल्द प्रभावी बनाया जाएगा लेकिन यह बात तीन साल पहले शुरू हुई थी, वर्तमान में स्थिति जस की तस है।

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