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टाटा मोटर्स : कान्वाई चालकों की बड़ी जीत, दैनिक वेतन हुआ 385 रुपये

टाटा मोटर्स में कार्यरत निबंधित कान्वाई चालकों को मंगलवार को बड़ी जीत मिली है। प्लांट हेड एबी लाल ने कान्वाई चालक नेताओं को आश्वस्त किया कि 254 रुपये के बजाए केंद्र सरकार द्वारा कुशल मजदूर के लिए तय...

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लाइव हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 20 Jun 2017 08:29 PM
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टाटा मोटर्स में कार्यरत निबंधित कान्वाई चालकों को मंगलवार को बड़ी जीत मिली है। प्लांट हेड एबी लाल ने कान्वाई चालक नेताओं को आश्वस्त किया कि 254 रुपये के बजाए केंद्र सरकार द्वारा कुशल मजदूर के लिए तय वेतन 385 रुपये सहित महंगाई भत्ता दिया जाएगा। 
यह अगले सप्ताह से प्रभावी हो जाएगा। न्यूनतम मजदूरी की नई दर एक मार्च 2017 से प्रभावी होगी। ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर 11 जनवरी 2016 से आंदोलनरत थी। श्रमायुक्त, झारखंड सरकार ने भी कान्वाई चालकों को सात मई 2016 को कुशल मजदूर मानते हुए कंपनी प्रबंधन को न्यूनतम मजदूरी देने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश प्रभावी नहीं होने के कारण कान्वाई चालक आंदोलनरत थे। मंगलवार सुबह पौने बारह बजे कान्वाई चालक सपरिवार टाटा मोटर्स के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर धरने पर बैठ गए। इसके बाद कंपनी प्रबंधन से न्यूनतम मजदूरी पर वार्ता हुई।
मध्यस्थता के लिए आया बुलावा : धरने पर बैठने के बाद कंपनी प्रबंधन ने कान्वाई चालकों को बैठक के लिए आमंत्रित किया। जनरल ऑफिस में हुई बैठक में प्लांट हेड एबी लाल, हेड सिक्योरिटी एनएस काद्यान, सीनियर मैनेजर क्राइम एंड इंटेलीजेंस वीएन सिंह व कान्वाई चालकों की ओर से ज्ञान सागर व कान्वाई चालक ड्राइवर मजदूर संघ अध्यक्ष दिनेश पांडेय उपस्थित थे। बैठक में कुशल मजदूर के लिए तय न्यूनतम मजदूरी सहित महंगाई भत्ता पर भी सहमति बनी। इसके बाद दोपहर साढ़े बारह बजे कान्वाई चालकों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया। 
आंदोलन के बाद बढ़ा था दैनिक वेतन : जनवरी 2016 में शुरू हुए आंदोलन के बाद टेल्को ट्रांसपोर्ट कंपनी एसोसिएशन (टीटीसीए) ने कान्वाई चालकों के वेतन में एकमुश्त 50 रुपये की बढ़ोत्तरी की थी। इससे कान्वाई चालकों को 204 रुपये के बजाय 254 रुपये मिलना शुरू हुआ था। 
410 रुपये मिलते हैं प्रति वाहन : ज्ञान सागर का कहना है कि कंपनी टीटीसीए को प्रति गाड़ी गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 410 रुपये देती थी, लेकिन टीटीसीए कान्वाई चालकों को दैनिक वेतन मात्र 254 रुपये ही देता था। मंगलवार को हुई वार्ता में प्लांट हेड ने साफ कर दिया कि अब प्रबंधन और कान्वाई ड्राइवरों के बीच कोई नहीं होगा। कंपनी जो दर तय करेगी, उसका ही अनुपालन होना चाहिए।
ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन के महामंत्री  ज्ञान सागर प्रसाद का कहना है कि पंद्रह माह का आंदोलन रंग लाया। कंपनी प्रबंधन ने कान्वाई चालकों को अपना कर्मचारी मान लिया है। प्लांट हेड ने आश्वस्त किया कि उन्हें अगले सप्ताह से 385 रुपये दैनिक वेतन सहित महंगाई भत्ता मिलेगा।
 

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