हंगामेदार रहा जमशेदपुर राइफल क्लब का एजीएम
रविवार को आयोजित जमशेदपुर राइफल क्लब की वार्षिक आमसभा (एजीएम) हंगामेदार रही। सदस्य एक-दूसरे पर आरोप लगाते देखे गये। किसी ने राइफल क्लब में अड्डेबाजी का मुद्दा उठाया, तो किसी ने हिसाब-किताब को शक के...
रविवार को आयोजित जमशेदपुर राइफल क्लब की वार्षिक आमसभा (एजीएम) हंगामेदार रही। सदस्य एक-दूसरे पर आरोप लगाते देखे गये। किसी ने राइफल क्लब में अड्डेबाजी का मुद्दा उठाया, तो किसी ने हिसाब-किताब को शक के दायरे में ला खड़ा किया। एक तरफ कार्यकारी अध्यक्ष दिवाकर सिंह और दूसरी तरफ अनुभवी महासचिव उत्तम चंद मोर्चा संभाले हुए थे। केवल 125 सदस्य पहुंचे एजीएम में : 1954 में स्थापित जमशेदपुर राइफल क्लब में 1200 सदस्य हैं, लेकिन एजीएम में केवल 125 ने उपस्थिति दर्ज कराई। आरोप-प्रत्यारोप से आहत महासचिव उत्तम चंद पद छोड़ने तक को तैयार हो गए। अंत में तय हुआ कि पुरानी कमेटी ही क्लब को चलाएगी, जब तक प्रबंध समिति अगले चुनाव की घोषणा नहीं कर देती। गौरतलब है कि क्लब का पदेन अध्यक्ष उपायुक्त होते हैं, जबकि उपाध्यक्ष एसएसपी व एसडीओ होते हैं। सदस्यों ने दिल तोड़ दिया : उत्तम चंद ने कहा कि वे 1972 से जमशेदपुर राइफल क्लब से जुड़े हैं। 1985 में सहायक सचिव बने और 1999 में महासचिव पद पर काम करते आ रहे हैं। इन 27वर्षों में किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया। लेकिन आज की बैठक से दिल टूट गया। गौरतलब है कि राइफल क्लब में जर्मनी से आयातित तीन पिस्टल हैं, जिससे ही अभ्यास होता है। अभी एक पिस्टल खराब है। यहां सिर्फ एयर राइफल की ही सुविधा है। यहां 40 से 50 बच्चे प्रशक्षिण ले रहे हैं। कूलिंग पीरियड पर जोर : कार्यकारी अध्यक्ष दिवाकर सिंह ने कहा कि क्लब के संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें कार्यकारी अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष को एक कार्यकाल के बाद कूलिंग पीरियड में जाना होगा। उन्होंने बताया कि इंडियन आर्म्स एक्ट 2016 में जो संशोधन हुआ है, उसी के अनुसार संविधान का निर्माण किया जाएगा। अब किसी को राइफल का लाइसेंस लेना होगा तो फिर राइफल क्लब का प्रमाण पत्र जरूरी है।