जेएससीए की नजर सुप्रीम कोर्ट पर
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) की नजर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई है, जहां शुक्रवार को जेएससीए के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी समेत बीसीसीआई के दो अन्य आला अधिकारियों के बारे में फैसला किया जाना...
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) की नजर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई है, जहां शुक्रवार को जेएससीए के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी समेत बीसीसीआई के दो अन्य आला अधिकारियों के बारे में फैसला किया जाना है। मालूम हो कि एक दिन पहले प्रशासकों की समिति (सीएओ) के सदस्य बिनोद राय ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, अध्यक्ष सीके खन्ना और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को हटाने की मांग की है। बिनोद राय ने साफ शब्दों में कहा कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू हुए छह महीने बीत गये हैं, लेकिन बीसीसीआई में बैठे लोगों के रवैये से साफ हो चुका है कि सिफारिशों को लागू कराना या तो इनके बस में नहीं है या फिर इनमें इच्छा शक्ति नहीं है। इसलिए इन अधिकारियों को भी अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के की तरह बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाना चाहिए। जेएससीए पर असर : यदि बिनोद की राय मांग पर अदालत मुहर लगा देती है, तो इसका असर न केवल बीसीसीआई बल्कि झारखंड क्रिकेट में भी देखने को मिलेगा। झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) ने नये अध्यक्ष व सचिव को चुनकर यह जताने की कोशिश जरूर की है कि उसने लोढ़ा समिति की सिफारिशों का सम्मान किया है, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। आज भी जेएससीए में उन्हीं का चलता है, जो वर्षों से चलाते आये हैं।