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गोड्डा के गांवों में पानी के लिए हाहाकार

गोड्डा जिले के कई गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। पानी के जुगाड़ में पूरी गर्मी बीत गई। अब तक बरसात के मौसम में भी लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि...

गोड्डा के गांवों में पानी के लिए हाहाकार
हिन्दुस्तान टीम,गोड्डाSun, 25 Jun 2017 01:50 AM
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गोड्डा जिले के कई गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। पानी के जुगाड़ में पूरी गर्मी बीत गई। अब तक बरसात के मौसम में भी लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन अधिकारी समस्या के समाधान के लिए मुकम्मल प्रयास नहीं कर रही हैं। ठाकुर गंगटी प्रखंड की रूंजी पंचायत के रूंजी गांव के लोगों को पानी की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। यहां के लोग गांव से करीब दो किलोमीटर दूर से पानी लाकर अपना दैनिक काम करते हैं लेकिन अभी तक न ही कोई पंचायत प्रतिनिधि और न ही कोई विभागीय अधिकारियों ने इसकी सुधि ली है। इस मुहल्ले में करीब 60-70 परिवार रहते हैं। इनका कहना है कि चुनाव के समय मे यहां तो प्रतिनिधियों का तांता लगा रहता है। लेकिन चुनाव खत्म होते ही ये बरसाती पानी की तरह बह जाते है। रूंजी ग्रामवासियों में गीता देवी, पूनम देवी, रीता देवी, नीरो पंडित, राधे पंडित, बिमल ठाकुर आदि का कहना है कि पानी नहीं मिलने के कारण वे मवेशी नहीं पाल सकते हैं। पानी की समुचित व्यवस्था हो जाए तो पशुपालन कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इस जगह एक चपाकल दे दिया जाए तो हमलोगों की परेशानी हो जाएगी। उन्होंने विभाग से चापाकल देने की मांग की है। बंदनवार में भी किल्लत: पथरगामा प्रखंड की रानीपुर पंचायत के गांव बंदनवार में भी पानी की घोर किल्लत है। साल भर पहले जलमीनार बनाकर चालू की गई जलापूर्ति योजना माह भर से ठप पड़ गई है। वहीं कुआं भी सूख गया है। ऐसे में जल संकट उत्पन्न होना लाजिमी है। तमाम ग्रामवासी पांच चापानल पर निर्भर हैं। ग्रामीणों ने अपने स्तर से जलापूर्ति ठीक करने की नाकाम कोशिश भी की थी। ठेकेदार नियम का हवाला देकर हाथ झाड़ चुका है। सभी ग्रामीणों ने सभी के पास गुहार भी लगा दी है। वर्तमान में जिनके घर बोरिंग है, उनके अलावा लोग स्नान, कपड़ा धोना तथा पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं। वही महिलाएं स्नान तथा बर्तन मांजने अथवा खाना बनाने की समस्या से जूझ रही हैं। शौचालय जाना भी दुश्वार है। ग्रामीणों ने उपायुक्त से गांव में उत्पन्न पेयजल की समस्या की ओर ध्यान देने की गुहार लगाई है।

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