ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड घाटशिला12 साल हो गए नहीं खुला आनंदलोक, फिर भी उम्मीद बरकरार

12 साल हो गए नहीं खुला आनंदलोक, फिर भी उम्मीद बरकरार

आनंदलोक अस्पताल का निर्माण कार्य वर्ष 2005 में ही हो चुका था। पहले यह परिसर मातृ सेवा सदन के रूप में संचालित था। इसका संचालन इन्द्रधनुष संस्था करती थी। 12 वर्षों से यह अस्पताल शुरू होने की बाट जोह...

12 साल हो गए नहीं खुला आनंदलोक, फिर भी उम्मीद बरकरार
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाThu, 22 Jun 2017 05:01 PM
ऐप पर पढ़ें

आनंदलोक अस्पताल का निर्माण कार्य वर्ष 2005 में ही हो चुका था। पहले यह परिसर मातृ सेवा सदन के रूप में संचालित था। इसका संचालन इन्द्रधनुष संस्था करती थी। 12 वर्षों से यह अस्पताल शुरू होने की बाट जोह रहा है। लखन मांडी की पत्नी सुखी मांडी इस सेवा सदन अस्पताल में नर्स के तौर पर काम करती थी। अस्पताल परिसर में ही उसे रहने के लिए एक क्वार्टर उपलब्ध कराया गया था। सेवा सदन बंद हो जाने के बाद इन्द्रधनुष संस्था ने आनंदलोक को अस्पताल की लीज दे दी। चेयरमैन देवकुमार सर्राफ ने वर्ष 2005 में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर अस्पताल बना दिया। परंतु उस दौरान इन्द्रधनुष संस्था एवं जमीन दाता के बीच उत्पन्न विवाद तथा लखन मांडी द्वारा घर खाली नहीं किए जाने के कारण 12 वर्षों तक अस्पताल नहीं खुल सका। आश्चर्य की बात यह रही कि इस दौरान स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में चाकुलिया के कई लोग काल के गाल में समाते चले गए पर किसी ने भी इसे शुरू कराने की पहल नहीं की। लोगों ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी के समक्ष यह बात रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री से बात की। अब अस्पताल खुलने की स्थिति में है। जमीनदाता और इन्द्रधनुष संस्था का विवाद तो खत्म हो गया पर लखन मांडी का घर खाली नहीं किया जाना ही अब तक अस्पताल के शुरू होने के मार्ग में रोड़ा बन गया है। बुधवार को सांसद के बैठक के बाद लोग इस उम्मीद में हैं कि शायद लखन मांडी सांसद की बात मानकर खुद ही अस्पताल खाली कर दें और आनंदलोक शुरू हो जाय। अस्पताल शुरू कराने को लेकर सांसद ने की बैठक : स्थानीय धर्मशाला (अग्रसेन भवन) परिसर में बुधवार को सांसद विद्युत वरण महतो के नेतृत्व में बैठक हुई। बैठक में आनंदलोक अस्पताल शुरू कराने को लेकर चर्चा हुई। अस्पताल परिसर में रह रहे लखन मांडी को मदद दिलाने पर भी बात की गई। सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि चाकुलिया में आनंदलोक अस्पताल शुरू हो यही उनकी भी इच्छा है। पर परिसर में रह रहे लखन मांडी को भी रहने को छत मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अपने पास से 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद कर लखन मांडी के परिवार को मदद करेंगे। सांसद ने बहरागोड़ा एवं चाकुलिया में किए गए विकास कार्यों को भी जनता के समक्ष गिनाया। साथ ही निकट भविष्य में किए जाने वाले विकास कार्यों से सबको अवगत कराया। समस्या के निदान के लिए पूर्व सहयोग की बात कही। मौके पर समीर महंथी, शतदल महतो, सुशील शर्मा, जिप सदस्य जगन्नाथ महतो, मो. गुलाब, दीपक झुनझुनवाला, विक्की रुगंटा, सुभाष लोधा, सुनाराम हांसदा आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें