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नक्सली बंद का दुमका में रहा मिलाजुला असर

झारखंड बंद का दुमका जिला के नक्सल प्रभावित इलाके में मिलाजुला असर रहा। भाकपा माओवादी के संताल परगना जोनल कमेटी की ओर से काठीकुंड व गोपीकांदर में जगह-जगह सरकार और प्रशासन के विरोध में पोस्टरबाजी करने...

नक्सली बंद का दुमका में रहा मिलाजुला असर
Center,DhanbadTue, 30 May 2017 02:38 AM
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झारखंड बंद का दुमका जिला के नक्सल प्रभावित इलाके में मिलाजुला असर रहा। भाकपा माओवादी के संताल परगना जोनल कमेटी की ओर से काठीकुंड व गोपीकांदर में जगह-जगह सरकार और प्रशासन के विरोध में पोस्टरबाजी करने और पर्चा छोड़े जाने से दहशत का माहौल रहा। दुमका पाकुड़ मुख्य पथ पर काठीकुंड में चांदनी चौक,काठीकुंड शिकारीपाड़ा मुख्य मार्ग स्थित मध्य विद्यालय दलदली में दर्जन भर से ज्यादा पोस्टर भाकपा माओवादी द्वारा चिपकाने से दहशत का माहौल रहा। बंद का सबसे अधिक असर पत्थर खदानों पर दिखा। दहशत के कारण शिकारीपाड़ा और गोपीकांदर के अहरीचुआं पत्थर खदान क्षेत्र में पत्थर खदान और स्टोन क्रशरों में काम ठप रहा। पत्थर ढुलाई ठप रहने से करीब एक करोड़ का पत्थर कारोबार प्रभावित हुआ है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र को छोड़ कर शहर-बाजार में नक्सली बंद का असर नहीं था। समाचार लिखे जाने तक जिले में कोई बड़ी नक्सली घटना नहीं हुई। एसपीटी एक्ट में संशोधन पर भी नक्सलियों का विरोध : भाकपा माओवादी संगठन के संताल परगना जोनल कमेटी की ओर से जारी पोस्टर और पर्चा में रधुवर सरकार की स्थानीय नीति, सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन, पूंजीपितियों को जमीन देने की नीति और आंदोलनकारियों पर लाठी-गोली चलाने का विरोध किया गया है। आदिवासी एवं मूलवासी को एक जुट कर आंदोलन करने का आहवान किया गया है। गांवों में पुलिस कैंप का भी विरोध किया गया है। पोस्टर और पर्चा हिन्दी के साथ स्थानीय भाषाओं संताली,खोरठा और बंगला में भी मिला।

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