वामिका को मैचिंग कपड़े के साथ चाहिए थे मैचिंग सैंडल
वामिका को फैशन का क्रेज बचपन से ही था। जब वह चार साल की थी, उसी समय अपनी मां की तरह मैचिंग कपड़े में मैचिंग सेंडल की डिमांड करती थी। आज जब वह मिस इंडिया के फाइनल तक पहुंच गई तो उसके पुराने दिन याद आ...
वामिका को फैशन का क्रेज बचपन से ही था। जब वह चार साल की थी, उसी समय अपनी मां की तरह मैचिंग कपड़े में मैचिंग सेंडल की डिमांड करती थी। आज जब वह मिस इंडिया के फाइनल तक पहुंच गई तो उसके पुराने दिन याद आ रहे। वामिका के रिश्ते में दादी लगने वाली कामना पांडेय ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि एक दिन हमारी जूनी यहां तक पहुंच जाएगी। बचपन में थोड़ी शरारती भी थी। घर के इसी आंगन में जूनी ने न जाने कितनी शैतानियां की होगी। अभी इसी होली में वह धनबाद आई थी। हमारा संयुक्त परिवार है और एक ही कैंपस में हम रहते हैं। होली में हमलोगों ने मिलकर जमकर होली खेली थी। जूनी के पिता मधुकर पांडेय की पोस्टिंग उस समय हजारीबाग थी। वह अपनी मां के साथ यहां रहती थी। बाद में 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई चली गई।