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महालया: आज होगा मां दुर्गा का आवाहन

महालया अर्थात मां का आवाहन पूजन 19 सितंबर को होगा। महालया को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं। मां दुर्गा का आवाहन के रूप में मनाया जाता है। इसके बाद पूजा प्रारंभ होती है। बंगाली वेलफेयर सोसाईटी के सचिव...

महालया: आज होगा मां दुर्गा का आवाहन
हिन्दुस्तान टीम,धनबादMon, 18 Sep 2017 11:33 PM
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महालया अर्थात मां का आवाहन पूजन 19 सितंबर को होगा। महालया को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं। मां दुर्गा का आवाहन के रूप में मनाया जाता है। इसके बाद पूजा प्रारंभ होती है। बंगाली वेलफेयर सोसाईटी के सचिव गोपाल भट्टाचार्य परिवार के सारे सदस्य के साथ रेडियो-टीवी या कैसेट से चंडी पाठ का श्रवण करते हैं। कहा कि इससे आध्यात्मिक शक्ति जाग उठती है। महालया से ही पूजा का माहौल शुरू हो जायेगा। मां दुर्गा के आगमन पर आतिशबाजी की जाती है। सुबह रेडियो पर प्रसारित महालया का श्रवण करेंगे। इस दिन कई लोग पितृ तर्पण भी करेंगे। 20 तक अमावस्या 19 को महालया है लेकिन कलश स्थापन 21 को होगा। पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 20 सितंबर की सुबह 10.22 बजे तक अमावस्या है। इस लिए कलश स्थापन 21 को होगी। महालया एक दिन पहले हो जाएगी। महालया का अर्थ महालया का मूल अर्थ कुल देवी-देवता व पितरों का आवाहन है। 15 दिनों तक पितृ पक्ष तिथि होती है और महालया के दिन सभी पितरों का विसर्जन होता है। अमावस्या के दिन पितर अपने पुत्रादि के द्वार पर पिंडदान एवं श्राद्ध की आशा से जाते हैं। पितरों को पिंडदान और तिलांजलि करनी चाहिए। लोग अमावस्या के दिन पितरों का तरपन व पारवन करते हैं। उनको दिया हुआ जल व पिंड पितरों को प्राप्त होता है। पितृ पक्ष में देवता अपना स्थान छोड़ देते हैं। देवताओं के स्थान पर 15 दिन पितरों का वास होता है। महालया के दिन पितर अपने पुत्रादि से पिंडदान व तिलांजलि को प्राप्त कर अपने पुत्र व परिवार को सुख-शांति व समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान अपने घर चले जाते है। महालया से देवता फिर अपने स्थान पर वास करने लगते हैं। पितृ पक्ष में 15 दिन देवताओं की नहीं पितरों की पूजा अर्चना होती है। महालया से देवी-देवताओं की पूजा शुरू हो जाती है।

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