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धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के विकल्प की तलाश शुरूः सांसद

सांसद पीएन सिंह ने कहा है कि कोयले में लगी आग का हवाला देकर बंद की गई धनबाद-चंद्रपुरा (डीसी) रेल लाइन के विकल्प पर काम शुरू हो गया है। रेल मंत्रालय तथा रेलवे बोर्ड ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। डीसी...

धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के विकल्प की तलाश शुरूः सांसद
मुख्य संवाददाता,धनबादMon, 26 Jun 2017 10:06 PM
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सांसद पीएन सिंह ने कहा है कि कोयले में लगी आग का हवाला देकर बंद की गई धनबाद-चंद्रपुरा (डीसी) रेल लाइन के विकल्प पर काम शुरू हो गया है। रेल मंत्रालय तथा रेलवे बोर्ड ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। डीसी रेल लाइन के आस-पास ही नया विकल्प तलाशा जा रहा है। जल्द ही विशेषज्ञों की टीम इस क्षेत्र का दौरा करेगी।

उक्त बातें सांसद पीएन सिंह ने सोमवार को सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहीं। सांसद के साथ पार्टी जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, विधायक फूलचंद मंडल, विधायक ढुलू महतो, विधायक राज सिन्हा, सरिता श्रीवास्तव, संजीव अग्रवाल, अजय त्रिवेदी, प्रियरंजन, नितिन भट्ट,मानस प्रसून, मिल्टन पार्थ सारथी, पिंटू अग्रवाल, कमला कुमारी, राणा सिंह,मनोज मालाकार, मोहन कुंभकार,दिलीप सिंह,प्रीतपाल सिंह आजमानी, स्वरूप भट्टाचार्य, राजकुमार मंडल, अभिमन्यु सिंह, केशव प्रियांशु भी थे।
आधा रोग दूर हो गया
सांसद पीएन सिंह ने कहा कि डीसी लाइन को बंद किए जाने पर विपक्षी दल हाय-तौबा मचा रहा है। रेल लाइन पर फिर से ट्रेन चलाने की मांग कर रहे हैं। कोई इस बात का जिक्र नहीं कर रहा है कि दुर्भाग्य से कोई हादसा हुआ तो उसकी जिम्मेवारी कौन लेगा। विपक्षी दल के लोग कह रहे हैं कि रेल लाइन को को खतरा नहीं है, लेकिन इसका क्या आधार है, कोई बताने को तैयार नहीं। डीजीएमएस की रिपोर्ट पर रेल लाइन को बंद किया गया है। इसके अधिकारी तकनीकी ज्ञान रखते हैं। इनकी रिपोर्ट को कैसे झुठलाया जा सकता है। सांसद ने कहा कि दिल्ली में भाजपा का प्रतिनिधि मंडल मंत्रियों से मिलकर समस्या से अवगत करा दिया है। वहां विकल्प पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने दावा किया आधा रोग दूर गया है, जल्द ही पूरा इलाज हो जाएगा।
डीसी लाइन के आस-पास के लोगों का रखा जाएगा ख्याल
सांसद ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक डीसी रेल लाइन के महज नौ किलोमीटर के दायरे में ही आग से खतरा है। नौ किलोमीटर के दायरे में रेल लाइन के डायवर्सन का पहला विकल्प तलाशा जा रहा है। इस बात क्या ध्यान रखा जाएगा कि नौ किमीटर के दायरे में आने वाले लोगों को रेल लाइन की सुविधा मिले व रोजगार के साधनों पर भी असर नहीं पड़े। पूछ जाने पर उन्होंने कहा कि समय सीमा तो तकनीकी विशेषज्ञ तक करेंगे, लेकिन काम जल्द ही शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राइट्स को फिर से सर्वे करने को कहा गया है।
सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
सांसद ने कहा कि भाजपा लोगों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करना चाहती है। जिंदगी के बाद ही रोजी-रोटी की बात आती है। चूकि जमीन के अंदर लगी आग के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते हैं। डीजीएमएस की रिपोर्ट पर तो भरोसा करना ही होगा।
बीबीसीएल पर भी खड़े किए सवाल
सांसद ने रेल लाइन के सवाल पर बीसीसीएल  को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल हर मामले को जिला प्रशासन का बता देती है। कोयले की  आग बीसीसीएल की लापरवाही का परिणाम है। आग पर काबू पाने का प्रयास भी बीसीसीएल को करना चाहिए था। आग का पता 20 साल पहले पता चला था तो बीसीसीएल चुप क्यों थी।
डीसी कहते हैं ऊपर बात करें
सांसद  ने कहा कि जिले की अजीब स्थिति है। जनता सांसद-विधायकों से सवाल पूछती है। रेल लाइन की बंदी पर जनता जनप्रतिनिधियों से समस्या के समाधान की मांग करती है। इस मामले में जब धनबाद के डीसी ए दोड्डे से बात की तो वह कहते हैं कि ऊपर बात कीजिए। अगर ऊपर ही बात करनी है तो जिले में डीसी व अन्य अधिकारियों के रहने का क्या फायदा?
चुक गए हैं बाबूलाल मरांडी
सांसद पीएन सिंह ने कहा कि झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी चुक गए हैं। रेल लाइन पर पदयात्रा कर वोट बैंक बढ़ाना चाहते हैं। रेल लाइन को बंद करने का विरोध कर रहे है, लेकिन किसी विकल्प पर कोई बात नहीं करते हैं। विपक्षी दल मिल कर फिर से मटकुरिया गोलीकांड वाली स्थिति पैदा करना चाहते हैं। जनता ऐसे लोगों को पहचान ली है।

 

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