ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड धनबादबीएसएस कॉलेज में विवि टीम ने शुरू की नियुक्ति की जांच

बीएसएस कॉलेज में विवि टीम ने शुरू की नियुक्ति की जांच

विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग की जांच टीम ने शनिवार को बीएसएस महिला कॉलेज में नियुक्तियों की जांच की। जांच टीम में शामिल प्राचार्य डा. एसकेएल दास, प्राचार्य डा. मीना श्रीवास्तव व प्राचार्य डा....

बीएसएस कॉलेज में विवि टीम ने शुरू की नियुक्ति की जांच
Center,DhanbadSun, 28 May 2017 01:38 AM
ऐप पर पढ़ें

विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग की जांच टीम ने शनिवार को बीएसएस महिला कॉलेज में नियुक्तियों की जांच की। जांच टीम में शामिल प्राचार्य डा. एसकेएल दास, प्राचार्य डा. मीना श्रीवास्तव व प्राचार्य डा. जेएम लुगून ने सभी पक्षों से बातचीत की। कागजातों को देखा। ढाई घंटे तक टीम ने प्राचार्य डा. करुणा की नियुक्ति, 14 शिक्षकों व शिक्षकेतरकर्मियों की नियुक्ति व पीएफ जमा व अनुदान जांच के संबंध में जांच की गई। सूत्रों का कहना है कि प्राचार्य डा. करुणा से पूछा कि आपकी नियुक्ति की क्या-क्या प्रक्रियाएं पूरी हुई? आपके अलावे और कौन-कौन आवेदक थे? नियुक्ति के लिए क्या-क्या अर्हता रखी गई थी? विशेषज्ञों ने क्या अनुशंसा की समेत जानकारी मांगलवार तक देने को कहा है। 14 शिक्षकों व शिक्षकेतरकर्मियों की नियुक्ति को भी अवैध बताते हुए शिकायत की गई थी। इस मामले में जांच टीम ने कहा कि 28.10.2010 को पद स्वीकृत करते हुए रोस्टर के अनुसार नियुक्ति करने को कहा था। टीम ने कॉलेज प्रबंधन से नियुक्ति रोस्र, नियुक्ति प्रक्रिया, विज्ञापन, शासी निकाय का निर्णय समेत अन्य जानकारी मांगी है। सरकार से प्राप्त 30 लाख, 30 लाख व 60 लाख रुपए अनुदान के संबंध तथा पीएफ में जमा की गई राशि व अन्य जानकारी भी मंगलवार तक देने को कहा गया है। जांच टीम ने शिकायतकर्ता शिक्षकों व कर्मियों को बुलाकर भी उनका पक्ष जाना। उनलोगों से कहा कि आपलोग शिकायत के आधार पर भी जो साक्ष्य हो। मंगलवार तक जमा करें। जांच टीम के कॉलेज पहुंचने पर शिक्षकों व कर्मियों के बीच दिन भर चर्चा होती रही। पिछले कई दिनों से जांच टीम का इंतजार हो रहा था। चर्चा है कि नियुक्ति में रोस्टर का मामला फंस सकता है। सरकार ने पद सृजित करते हुए रोस्टर के आधार पर नियुक्ति करने को कहा है। प्राचार्य नियुक्ति को भी कंक्रेंश नहीं मिला है। जब कमेटी ने नियुक्ति संबंधी कागजात की मांग की तो यह बताया गया कि गोपनीय है। उसपर कमेटी ने कहा कि इसलिए जांच के लिए आए हैं। मौके पर प्राचार्य डा. करुणा, प्रोफेसर इंचार्ज सह शिक्षक प्रतिनिधि डा. उषा शर्मा समेत अन्य मौजूद थी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें