देवघर के पंकज का दिल्ली में धमाल
' दस्तक ' कार्यक्रम में देशभर के 10 कवियों में पंकज झा ने अपने संस्कृत गीतावली से समां बांध दिया।कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल के जन्मदिन पर ओज के कवि डॉ. ओम पवार, सत्यानन्द मौर्य,...
' दस्तक ' कार्यक्रम में देशभर के 10 कवियों में पंकज झा ने अपने संस्कृत गीतावली से समां बांध दिया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल के जन्मदिन पर ओज के कवि डॉ. ओम पवार, सत्यानन्द मौर्य, डीटीयू के कुलगुरु योगेश समेत कई ने पंकज को आशीष दिया। संस्कृत को एक अलग आयाम देने वाले प्रो. विष्णु कान्त झा के शिष्य संस्कृत के युवा कवि के रुप में देवघर का नाम राष्ट्रीय स्तरीय काव्य मंचो पर रौशन करने वाले युवा कवि पंकज झा अब तक राष्ट्रीय स्तर पर कई बार प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। पंकज ने दस्तक कार्यक्रम में अपने सबसे प्रचलित गीत ' शनै: शनै: मम जीवने आगच्छ ' से शुरूआत की। साथ ही ' मनमा इमोशन जागे रे', 'डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दो', ' सनम रे-सनम रे' जैसे कई प्रचलित हिन्दी फिल्म गीतों को संस्कृत में गाया। समस्त भारत से आए कवियों में अपनी अविस्मरणीय छवि छोड़ी। युवा पीढियों में संस्कृत के लिए सारी कुत्सित मानसिकता को दूर कर दिखाया। प्रेरित होकर आज कई युवा पंकज का अनुसरण करते हुए संस्कृत गीतों को गा रहे हैं। दस्तक ' नामक कार्यक्रम में 30 वर्ष से कम युवा कवियों का हर साल चुनाव होता है। हर वर्ष 15 नवंबर को दिल्ली में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यह कार्यक्रम हर एक युवा कवियों का एक सपना होता है जिसे अपनी प्रतिभा से देवघर के इस संस्कृत के पुरोधा ने साकार किया। झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष और देवघर निवासी होने के नाते पंकज झा की इस उपलब्धि को सुनील खवाड़े ने देवघर ही नहीं पूरे झारखण्ड की उपलब्धि बताते हुए कहा कि पंकज देवघर के गौरव हैं, उनसे प्रेरित होकर प्रदेश के युवा कवियों का आत्मबल बढ़ेगा और प्रदेश इकाई को और अधिक मजबूती मिलेगी।