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प्रशासन और पूजा समिति के बीच टकराव टला

चाईबासा के प्रसिद्ध अमला टोला की सार्वजनीन काली पूजा समिति का भव्य एवं आकर्षक विसर्जन जुलूस इस वर्ष नहीं निकलने के कारण शहर के लोगों को आकर्षक विद्युत सज्जा और आतिशबाजी देखने को नहीं मिला।बंगाल से आए...

प्रशासन और पूजा समिति के बीच टकराव टला
हिन्दुस्तान टीम,चाईबासाMon, 23 Oct 2017 04:57 PM
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चाईबासा के प्रसिद्ध अमला टोला की सार्वजनीन काली पूजा समिति का भव्य एवं आकर्षक विसर्जन जुलूस इस वर्ष नहीं निकलने के कारण शहर के लोगों को आकर्षक विद्युत सज्जा और आतिशबाजी देखने को नहीं मिला।

बंगाल से आए विद्युत सज्जा करने वाले और ओडि़शा से आए आतिशबाजी करने वालों को वापस लौटना पड़ा। समिति को इन लोगों को लाखों रुपये का भुगतान यूं ही करना पड़ा। इतना ही नहीं 1972 से हो रही इस पूजा में पहली बार बड़ी मूर्ति का विसर्जन नहीं हो सका। सिर्फ घट विसर्जन और छोटी मूर्ति का ही विसर्जन हुआ। पहली बार घड़ी-घंटे के साथ सर पर मूर्ति को रखकर स्थानीय कचहरी तालाब में विसर्जन किया गया। जबकि काली पूजा समिति ने बड़ी मूर्ति का विसर्जन नहीं किया और तय किया कि उक्त मूर्ति का विसर्जन दुर्गापूजा के समय किया जाएगा।

प्रशासन ने दी सिर्फ मूर्ति विसर्जन की अनुमति : पूजा समिति का कहना है कि प्रशासन द्वारा रविवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच में सिर्फ मूर्ति विसर्जन की अनुमति देने के कारण ऐसा हुआ। बताया जाता है कि मूर्ति विसर्जन आकर्षक चलंत विद्युत सज्जा और आतिशबाजी के साथ प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी शनिवार को होना था। इसके लिए प्रशासन को सूचना भी दी गई थी। लेकिन शनिवार को बारिश होने और मां काली की पूजा का दिन होने के कारण शनिवार की बजाय रविवार को मूर्ति विसर्जन करने का पूजा कमेटी ने निर्णय लिया और इसकी लिखित जानकारी प्रशासन को देते हुए रविवार को विसर्जन करने की अनुमति मांगी।

इसके बाद सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने रविवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच सिर्फ मूर्ति विसर्जन की अनुमति दी। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल पूजा स्थल पर दंडाधिकारी के साथ तैनात कर दिया गया और पूजा समिति पर दोपहर में ही विसर्जन का दवाब बनाया गया। इसके बाद समिति ने सिर्फ घट और छोटी मूर्ति का विसर्जन कर दिया। पहली बार इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने के कारण बड़ी मूर्ति का धूमधाम से विसर्जन नहीं हुआ। इस दौरान सदर अनुमंडल पदाधिकारी, मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक सहित काफी संख्या में पुलिस के पदाधिकारी और दंडाधिकारी मूर्ति विसर्जन कराने के लिए पूजा स्थल पर आए। इसके बाद पूजा समिति ने प्रशासन को लिखकर दे दिया कि छोटी मूर्ति का विसर्जन कर दिया गया है और बड़ी मूर्ति का विसर्जन अगले साल दुर्गा पूजा समय किया जाएगा। इसको लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। लेकिन पूजा समिति के सदस्यों ने धैर्य का परिचय देते हुए प्रशासन के साथ टकराव को टाल दिया।

क्या कहती है एसडीओ : इस संबंध में सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि पूजा समिति ने ही दोपहर 2 से 4 बजे तक मूर्ति विसर्जन करने और बड़ी मूर्ति का विसर्जन आगामी दुर्गापूजा के समय करने की बात लिखित रूप से दी है। उन्होंने आतिशबाजी से मना करने की बात से इनकार किया।

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