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त्रिपुरा की टीम ने चांडिल डैम में सीखे मछली पालन के गुर

त्रिपुरा के मत्स्य निदेशक एन मजूमदार के नेतृत्व में पांच विभागीय पदाधिकारियों एवं आठ मत्स्य किसानों का प्रतिनिधिमंडल केज कल्चर से मछली पालन के गुर सीखने सोमवार को चांडिल डैम पहुंचा। दो दिवसीय दौरे पर...

त्रिपुरा की टीम ने चांडिल डैम में सीखे मछली पालन के गुर
हिन्दुस्तान टीम,आदित्यपुरTue, 27 Jun 2017 05:57 PM
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त्रिपुरा के मत्स्य निदेशक एन मजूमदार के नेतृत्व में पांच विभागीय पदाधिकारियों एवं आठ मत्स्य किसानों का प्रतिनिधिमंडल केज कल्चर से मछली पालन के गुर सीखने सोमवार को चांडिल डैम पहुंचा। दो दिवसीय दौरे पर आये प्रतिनिधिमंडल को चांडिल बांध मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति के अध्यक्ष नारायण गोप एवं श्यामल मार्डी ने मछली पालन के तरीके बताये। इस मौके पर निदेशक एन मजुमदार ने बताया कि त्रिपुरा की कुल 39 लाख की आबादी में एक लाख 81 हजार मत्स्य किसान हैं। यहां की मुख्य जीविका का साधन मछली पालन है। त्रिपुरा में प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति करीब 22 किलो मछली की खपत है, जबकि पूरे देश में प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 11 किलो मछली की खपत है। त्रिपुरा में प्रति वर्ष विभिन्न तालाबों में 83 हजार किलो मछली का उत्पादन होता है, जिसका वे 85 फीसदी अपने राज्य में ही उत्पादन करते है। बाकी मछली की खपत दूसरे राज्यों से पूरी की जाती है। हमारी प्रयास रहेगा कि केज कल्चर के माध्यम से त्रिपुरा मछली उत्पादन में बेहतर करे। समिति के अध्यक्ष नारायण गोप ने बताया कि इसके पहले राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा आदि राज्यों से मछली पालन के तरीके सीखने के लिए लोग चांडिल डैम आ चुके हैं। आने वाले समय में चांडिल डैम मछली पालन में दूसरे राज्यों के लिए मिसाल बनेगा।

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