एच-1बी वीजा: भारत से पिछड़ा चीन, 2.47 लाख वीजा एप्लीकेशन के साथ भारत टॉप पर
नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने के बाद एच-1बी वीजा पर कई तरह के नियंत्रण लगाने का ऐलान किया लेकिन उनका ऐलान भी भारतीयों के जोश में कोई कमी नहीं कर सका। आज भी एच-1बी वीजा के लिए...
नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने के बाद एच-1बी वीजा पर कई तरह के नियंत्रण लगाने का ऐलान किया लेकिन उनका ऐलान भी भारतीयों के जोश में कोई कमी नहीं कर सका। आज भी एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई करने वाले सबसे बड़े ग्रुप में भारतीयों का ही नाम है। अमेरिकी वित्तीय वर्ष के पहले नौ माह के दौरान करीब 2.47 लाख भारतीयों ने एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई कर चुके हैं।
कुल वीजा एप्लीकेशन में 74 प्रतिशत भारतीय
एक अक्टूबर 2016 से 30 जून 2017 के बीच जिन लोगों ने भी एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई किया यह उसका 74 प्रतिशत है। अमेरिकी वित्तीय वर्ष एक अक्टूबर से शुरू होता है और 30 सितंबर को खत्म होता है। 2015-2016 अमेरिकी वित्तीय वर्ष के दौरान तीन लाख भारतीयों ने एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई किया था। वहीं अगर चीन के नागरिकों की बात करें तो यह संख्या काफी कम है। 30 जून तक 36,362 चीनी नागरिकों ने ही एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई किया था। पिछले 10 वर्षों के दौरान चीनी नागरिकों की ओर से एच-1बी वीजा के आवेदन के लिए यह संख्या सबसे कम है। साल 2015-2016 में कुल 35,720 चीनी नागरिकों ने अमेरिकी वीजा के लिए अप्लाई किया था।
बहुत सी एप्लीकेशन अटकी
वहीं इस क्रम में कनाडा का नंबर तीसरा है जहां से 30 जून 2017 तक 3,551 नागरिकों ने अमेरिकी वीजा के लिए अप्लाई किया था। अमेरिका को 30 जून तक एच-1बी वीजा के लिए 3.36 लाख एप्लीकेशन मिली थी। इनमें से 1.97 लाख को मंजूरी दी गई थी। अमेरिकी नागरिक और अप्रवासन सेवा की ओर से इन आंकड़ों को जारी किया गया है। विभाग का कहना है कि बहुत सी एप्लीकेशंस अभी तक अटकी हैं।