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खुली पोलः डोकलाम पर भारत-चीन में क्यों है ठनी, चीन के युवाओं को इसमें इंट्रेस्ट नहीं

सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र को लेकर भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है। इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों की सेनाएं बॉर्डर पर किसी भी स्थिति के लिए अपनी कमर कस चुकी हैं। पूरी...

खुली पोलः डोकलाम पर भारत-चीन में क्यों है ठनी, चीन के युवाओं को इसमें इंट्रेस्ट नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 23 Jul 2017 01:49 PM
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सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र को लेकर भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है। इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों की सेनाएं बॉर्डर पर किसी भी स्थिति के लिए अपनी कमर कस चुकी हैं। पूरी दुनिया इस विवाद को लेकर भारत और चीन पर नजर रखे हुए हैं। चीन की ओर से युद्ध तक की धमकी भी दे दी गई है। लेकिन एक सच्चाई ये भी है खुद चीन के लोगों को पता ही नहीं है कि डोकलाम क्या है और कहां है।  

जी हां, जिस क्षेत्र पर सड़क निर्माण के लिए चीन अपना हक जताता है उस क्षेत्र के बारे में खुद इनके युवाओं के एक बड़े तबके को पता नहीं है। इसकी वजह भी साफ है, यानि चीन की सरकारी मीडिया को ज्यादा तवज्जो नहीं देना। 

सोशल मीडिया से सामने आई सच्चाई

हमारे देश में कोई भी मुद्दा हो तो सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ जाती है। मगर चीनी सोशल मीडिया पर इस सीमा विवाद को लेकर ना के बराबर चर्चा देखने को मिली है, जिससे इस मुद्दे के प्रति चीनी युवाओं का उदासीन रुख बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट है। 

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एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, शनिवार को चीन के सोशल मीडिया सीना वीबो (ट्विटर का चीनी वर्जन) पर जो टॉप 50 मुद्दे ट्रेंड कर रहे थे, उनमें डोकलाम विवाद कहीं था ही नहीं। बता दें कि सीना वीबो चीन में बेहद लोकप्रिय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है जिस पर 340 मिलियन (34 करोड़) यूजर्स हैं। ट्विटर के चीनी वर्जन 'सिना वेईबो' पर 50 ट्रेंडिंग टॉपिक में डोकलाम विवाद कहीं भी नजर नहीं आया। जबकि चीन में इसके 340 मिलियन से ज्‍यादा यूजर्स हैं।

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अपने ही देश में असफल रहा चीन
यह संकेत है कि सरकारी मीडिया का एक धड़ा भारत के खिलाफ अपने ही देश में भारत के खिलाफ माहौल बनाने में असफल नहीं रहा। संभवत: ऐसा इसलिए क्‍योंकि आम चीनी नागरिकों के बीच भारत को लेकर दुश्‍मनी का कोई इतिहास नहीं रहा है। जबकि 2012 में क्षेत्रीय विवाद के दौरान चीन के अति-राष्‍ट्रवादी जापान के खिलाफ देशभक्ति की अलख जगाने में कामयाब रहे थे, क्‍योंकि दोनों देशों के बीच पहले भी काफी विवाद रहे हैं।

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टॉप 50 ट्रेंड में भी नहीं है डोकलाम विवाद 
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, जहां तक भारत के खिलाफ माहौल बनाने की बात है तो कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े पदाधिकारी भी इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से कतराते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर भारत-चीन सीमा विवाद की चर्चा बहुत कम है। माइक्रो ब्लॉगिंग यूजर्स की संख्या और टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर पोस्ट्स डाल रहे यूजर्स के आंकड़े पर नजर डालें तो डोकलाम विवाद को लेकर डाली जाने वाली पोस्ट्स का आंकड़ा बहुत छोटा है। शनिवार को जो मुद्दा टॉप ट्रेंड कर रहा था, उसे 896,592 लोग फॉलो कर रहे थे। जबकि 50वें नंबर पर ट्रेंड कर रहे टॉपिक को 39,039 लोग फॉलो कर रहे थे।

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कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थक ग्रप को नहीं मिला है कोई निर्देश
चीन में '50 सेंट पार्टी' नाम का एक बड़ा ग्रुप है जिसके सदस्य सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में कॉमेंट करते हैं। चीन के रिसर्चर ने कहा, 'मुझे लगता है कि अभी तक '50 सेंट पार्टी' को यह निर्देश नहीं मिला है कि वह सोशल मीडिया पर भारत को एक आक्रमणकारी के तौर पर पेश करे। शायद सरकार ऐसा करना ही नहीं चाहती क्योंकि एक बार अगर ऐसा हो गया तो फिर ऐसे देश के साथ संबंध सुधारना काफी मुश्किल हो जाता है जो देश के लोगों के नजर में बदनाम हो चुका हो।'

दूसरी तरफ ग्लोबल टाइम्स सहित चीन के सरकारी मीडिया का एक बड़ा हिस्सा कई दर्जन एक्सपर्ट्स और सरकारी थिंक टैंक के साथ भारत की कमियों को उजागर करने में जुटा है। इसमें सिर्फ सीमा विवाद ही नहीं, बल्कि गरीबी सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर भारत पर निशाना साधने की रणनीति बनाई जा रही है।

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बता दें कि चीन के युवा सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव हैं और माना जाता है कि सीनो वीबो के 70 फीसदी यूजर्स 30 साल से कम उम्र के हैं। सबसे ऐक्टिव यूजर इन्हें ही माना जाता है, लेकिन लगता है कि वह घरेलू मुद्दों में ही इतने उलझे हुए हैं कि राष्ट्रवाद की भावना को लेकर बेपरवाह हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि जो 50 मुद्दे टॉप ट्रेंड कर रहे थे, उनमें से सिर्फ 2 विदेश से जुड़े थे। बाकी सभी मुद्दे चीन के स्थानीय मसलों और चीनी सिलेब्रिटीज से जुड़े थे।

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