अमेरिका बना रहा ध्वनि से दस गुना तेज हाइपरसोनिक विमान
ध्वनि की रफ्तार से उड़ने वाले सुपरसोनिक विमानों को भूल जाइए। अमेरिकी सेना ने ध्वनि की तुलना में पांच से दस गुना तेज उड़ान भरने वाले हाइपरसोनिक विमान बनाने शुरू कर दिए हैं। पिछले हफ्ते...
ध्वनि की रफ्तार से उड़ने वाले सुपरसोनिक विमानों को भूल जाइए। अमेरिकी सेना ने ध्वनि की तुलना में पांच से दस गुना तेज उड़ान भरने वाले हाइपरसोनिक विमान बनाने शुरू कर दिए हैं।
पिछले हफ्ते अमेरिका की डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी डारपा ने विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग को एक्सएस-1 स्पेसप्लेन बनाने की इजाजत दी। एक्सएस-1 इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि यह जल्द से जल्द सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में पहुंचा सके।
यह पारंपरिक और अत्याधुनिक विमान का मिश्रण होगा। इस फैंटम एक्सप्रेस का भी नाम दिया गया है। इसमें एआर-22 इंजन होगा। यही इंजन नासा के स्पेस शटल में लगता है।
दो हाइपरसोनिक अंतरिक्ष यान
-1360 किलोग्राम वजन वाले सैटेलाइट को जल्द से जल्द अंतरिक्ष में पहुंचाने में सक्षम होगा एक्सएस-1 अंतरिक्ष यान
-50 लाख डॉलर या इससे कम आएगा खर्च
-45 किलोग्राम की सैटेलाइट को दस लाख डॉलर में अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए बनाया जाएगा दूसरा अंतरिक्ष यान
पेंटागन इसी तकनीक से बनाएगा युद्धक विमान
डारपा के इन अंतरिक्ष यान की तकनीक पेंटागन के लिए तेजी से उड़ान भरने वाले युद्ध विमान बनाने में मदद करेंगे। रक्षा कंपनी लॉकहीड ध्वनि से छह गुना तेज उड़ने वाला एसआर-72 ब्लैक बर्ड विमान बना रही है। यह अमेरिका के सेवानिवृत्त हो चुके विमान एसआर-71 की अगली पीढ़ी का विमान होगा। ध्वनि से तीन गुना तेज उड़ान भरने वाले एसआर-71 ने 1990 के दशक में रिटायर होने से पहले रफ्तार के कई रिकार्ड तोड़े थे।
- 12348 किलोमीटर प्रतिघंटे तक होगी रफ्तार अमेरिकी हाइपरसोनिक विमानों की
- 3 घंटे में दुनिया के किसी भी हिस्से में पहुंचने में सक्षम
- 2019 तक बनकर तैयार हो जाएगा विमान एक्सएस-1
- 2020 में 12 से 15 बार विमान के फ्लाइट टेस्ट होंगे