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मुहिमः हिन्दुस्तान का असर, गंदगी दिखेगी तो अफसर को लिखेंगे पत्र 

हिन्दुस्तान अखबार के अभिनव अभियान मां कसम, हिन्दुस्तान स्वच्छ रखेंगे हम का कारवां पहुंचा तीन स्कूल आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के अभिनव अभियान मां कसम, हिन्दुस्तान स्वच्छ रखेंगे हम, का कारवां तेजी...

मुहिमः हिन्दुस्तान का असर, गंदगी दिखेगी तो अफसर को लिखेंगे पत्र 
पटना। कार्यालय संवाददाता Wed, 20 Sep 2017 07:40 PM
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हिन्दुस्तान अखबार के अभिनव अभियान मां कसम, हिन्दुस्तान स्वच्छ रखेंगे हम का कारवां पहुंचा तीन स्कूल

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के अभिनव अभियान मां कसम, हिन्दुस्तान स्वच्छ रखेंगे हम, का कारवां तेजी से आगे बढ़ रहा है। अभियान के तीसरे दिन मंगलवार को करीब पांच हजार स्कूली बच्चों ने अपने आसपास साफ-सफाई का संकल्प लिया। हर सप्ताह दो घंटे सफाई के लिए श्रमदान की शपथ ली। साथ ही संवाद के जरिए शिक्षकों ने लोगों से अभियान में भागीदारी की अपील की। 

मां कसम, हिन्दुस्तान स्वच्छ रखेंगे हम अभियान के तहत आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की टीम मंगलवार को गर्दनीबाग बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंची। पहले संवाद और फिर 1500 छात्राओं ने स्वच्छता को लेकर शपथ ली। प्राचार्य चित्रलेखा कुमारी ने तमाम छात्राओं से अपील करते हुए शपथ दिलायी। इस मौके पर स्कूल के तमाम शिक्षक और शिक्षिकाओं ने भी शपथ ली। सभी ने अपने विचार भी रखे। 

हिन्दुस्तान का असर, गंदगी दिखेगी तो अफसर को लिखेंगे पत्र 

विद्यालय की छात्राओं ने कहा कि स्वच्छता मिशन में हम हिन्दुस्तान के साथ हैं। हम अपने विद्यालय की साफ सफाई तो करते हैं, लेकिन अब बाहर की सफाई का भी ख्याल रखेंगे। हम अब कहीं पर भी गंदगी देखेंगे तो संबंधित अफसर को फोन करेंगे। छात्रा अनुप्रिया ने बताया कि घर के आस पास बहुत ही कचरा रहता है। हम घर की तो सफाई कर लेते हैं, लेकिन बाहर सड़क पर गंदगी देख कर बहुत बुरा लगता है। लेकिन आज मुझे पता चला कि सड़क पर गंदगी होगी तो किसे बताना है। संबंधित अफसर का नंबर लेंगे और उन्हें तुरंत फोन कर इसकी सूचना देंगे।

एक गृहणी और शिक्षिका होने के नाते हमारी जिम्मेवारी है कि हम स्वच्छता पर ध्यान दें। मेरे एक प्रयास से हिन्दुस्तान के अभियान में सहयोग मिलेगा। - नीता कुमारी, विज्ञान शिक्षिका 

स्वच्छता हमारे काम में होना चाहिए। जहां स्वच्छता है वहीं पर विकास है। एक स्वच्छ वातावरण में रहने मात्र से हमें कई बीमारियों से छुटकारा मिल जायेगी। - राखी शंकर, विज्ञान शिक्षिका 

स्वच्छता एक दिन में होने वाली चीज नहीं है। इसके लिए हमें एकजुट होना होगा और हर दिन इसके लिए प्रयास करना होगा। प्रयास करते रहने से ही स्वच्छता को प्राप्त किया जा सकेगा। - श्वेता द्विवेदी, संस्कृत 

शौचालय की साफ सफाई हो। हम कहीं पर भी चले जाएं, शौचालय बहुत ही गंदा रहता है। इसके लिए सफाई कर्मी अधिक से अधिक होनी चाहिए। तभी सफाई रखी जा सकेगी। -मंजू देवी, व्यावसायिक शिक्षा 

स्वच्छता अभियान तो सरकार ने कई साल पहले शुरू किया। इस अभियान को जमीनी स्तर पर करनी होगी। स्कूली बच्चों को इससे जोड़ना होगा। तभी यह सफल हो पायेगा। -विद्यानंद विद्यार्थी, गणित शिक्षक 

मुझे लगता है कि जिस तरह हम अपने घरों को स्वच्छ रखने के लिए हम डस्टबीन रखते हैं, उसी तरह से शहर में हर जगहों पर डस्टबीन होना चाहिए। डस्टबीन होने से 50 फीसदी गंदगी खत्म हो जायेगी। -सीमा कुमारी, संस्कृत शिक्षिका 

लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है। अगर हम अपनी मानिसकता को बदल लिये तो हम स्वच्छता मिशन में सफल हो जायेंगे। इस कारण स्वच्छता पर मानसिकता में बदलाव लाना चाहिए। - रश्मि प्रसाद, अंग्रेजी शिक्षिका 

सबसे पहले वाटर लॉगिंग को दुरुस्त करना होगा। क्योंकि मुझे लगता है कि जलजमाव के कारण ही गंदगी फैलती है और उसका असर स्वच्छता पर पड़ता है। - पिंकी कुमारी, गणित शिक्षिका 

हिन्दुस्तान का यह अभियान बहुत ही सार्थक है। हर दिन छात्राओं से साफ सफाई करवाते हैं। छात्राओ की ड्यूटी बंधी हुई है। स्कूल परिसर को साफ करने की पूरी जिम्मेवारी छात्राओं और हमारी होती है। - बिंदु कुमारी, फाइन आर्ट 

हमें घर के अलावा बाहर की स्वच्छता का भी ख्याल रखना चाहिए।  बाहर नाले के ऊपर पॉलिथीन रखी रहती है। जिस कारण नाले का पानी निकल नहीं पाता। इसके लिए पूरी तरह हम जिम्मेवार हैं। - पापिया सिकदार, समाजिक विज्ञान 

स्वच्छता आदत में होनी चाहिए। इसके लिए हमें अपनी सोच बदलनी होगी। एक इंसान का भी सोच अगर बदल जाता है तो वो बांकी कई लोगों की सोच बदल देता है। - निरुपमा, सामाजिक विज्ञान 

हमें अपनी जिम्मेवारी लेनी होगी। घर में, मुहल्ले के कचरा, सोसायटी, शहर की जिम्मेवारी अपने-अपने तरीके से लेंगे तो स्वच्छता लाना बहुत कठिन नहीं होगा। हम अपने राज्य को देश को स्वच्छ कर पायेंगे। - रूबिया बानो, साइंस 

व्यक्तिगत रूप से हम इसकी जिम्मेवारी हर दिन लेते हैं। हर दिन विद्यालय आने के बाद क्लास में छात्राओं को साफ सफाई की सीख देते हैं। इस प्रयास को समाज के स्तर पर ले जाना होगा। हिन्दुस्तान का प्रयास सार्थक है। -विजय लक्ष्मी, केमेस्ट्री शिक्षिका 

हमें स्वच्छता सफाई की जिम्मेवारी लेनी होगी। घर से लेकर विद्यालय परिसर की तो हम जिम्मेवारी ले ही सकते हैं। अगर इतना ही हर दिन साफ सफाई कर लें तो हम अपनी जिम्मेवारी को कुछ हद तक पूरा कर सकेंगे। -कुमारी रश्मि, इकोनॉमिक्स 

खुद में सिविक सेंस लाने की जरूरत है। आये दिन देखने को मिलता है कि लोग कहीं पर भी पेशाब करने लगते हैं, कहीं पर भी थूक देते हैं।  इस तरह की विहेवियर को हमें छोड़ना होगा। - वीणा कुमारी, मनोविज्ञान शिक्षिका 

हम हमेशा एक-दूसरे पर टाल देते हैं। सोचते है कि हमने तो सफाई कर ली, अपने घर का कचरा को बाहर फेंक दिया। बाहर कहां फेंका इस पर ध्यान नहीं देते हैं। हमें इस तरफ खुद को पहले जागरूक करना होगा। - निमिसा सिंह, होम साइंस 

स्वच्छता अभियान से जुड़ना हमारे लिए काफी अच्छा अनुभव है।  हम अपने घर में तो सफाई कर लेते हैं, लेकिन बाहर कचरा फेंक देते हैं। इन चीजों को खत्म करने की आवश्यकता है। -सरिता कुमारी, लाइब्रेरियन 

हमें खुद में शपथ लेनी होगी कि गंदनी ना तो करेंगे और ना ही गंदगी फैलाने देंगे। दूसरों को जागरूक करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। -डॉ. सुषमा कुमारी, सामाजिक विज्ञान 

हर दिन हमें खुद में शपथ लेने की जरूरत है कि हम सफाई करेंगे। दूसरों को गंदगी फैलाने से रोंकेंगे। तभी इसमें सफलता मिल पायेगी। हमें मिल-जुल कर सामूहिक प्रयास करना होगा। -नीरज कुमार, म्यूजिक 

स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुमूल्य चीज है। स्वच्छता से ही विकास शुरू होता है। हम केवल अपने घर की साफ सफाई करते हैं। आसपास को लेकर जागरूक नहीं हैं। हमें हर जगहों पर साफ सफाई का ख्याल रखना चाहिए। - चित्रलेखा कुमारी, प्राचार्य 

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