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रिसर्च: पेट की वसा से होगा गठिया का इलाज

आर्थराइटिस का इलाज अब मरीज के पेट में मौजूद वसा से होगा। शोधकर्ताओं के मुताबिक पेट में मौजूद वसा कोशिकाएं अब घुटने का दर्द दूर करने में सहायक होंगी। इंटरनेशनल कार्टिलेज रिपेयर सोसायटी में...

रिसर्च: पेट की वसा से होगा गठिया का इलाज
हिन्दुस्तान टीम,रोमSun, 14 May 2017 10:46 PM
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आर्थराइटिस का इलाज अब मरीज के पेट में मौजूद वसा से होगा। शोधकर्ताओं के मुताबिक पेट में मौजूद वसा कोशिकाएं अब घुटने का दर्द दूर करने में सहायक होंगी। इंटरनेशनल कार्टिलेज रिपेयर सोसायटी में शोधकर्ताओं ने आर्थराइटिस (गठिया) के इलाज का यह नया तरीका पेश किया है। पोलैंड की शोधकर्ता कोनार्ड स्लेनारस्की ने कहा, पेट में मौजूद वसा की कोशिकाओं को घुटने के जोड़ों के बीच प्रत्यारोपित करने से दर्द धीरे-धीरे ठीक होता है लेकिन यह मरीज को पूरी तरह स्वस्थ कर देता है जिससे वह दोबारा अपनी सारी शारीरिक गतिविधियां करने के काबिल हो जाता है। 

फिलहाल 20 मरीजों पर इसका परीक्षण कारगर साबित हुआ है और वे सभी पूरी तरह ठीक हो गए हैं। उन्हें दोबारा किसी दवा या व्यायाम की जरूरत नहीं पड़ी। 

वसा कोशिकाओं से नरम हड्डियां होती हैं मजबूत 
हार्ले स्ट्रीट लंदन में ऑर्थोपेडिक सर्जन आद्रीयान विल्सन ने कहा, पेट की वसा कोशिकाएं जोड़ों के बीच मौजूद नरम हड्डियों (कार्टिलेज) को मजबूत बनाती हैं। शरीर में मौजूद वसा के इस्तेमाल से जोड़ों की कोशिकाओं में 100 फीसदी अधिक तेजी से सुधार होता है। 

एक दिन में इलाज संभव 
शोधकर्ता कोनार्ड स्लेनारस्की ने कहा, आर्थराइटिस के इलाज का यह तरीका काफी सस्ता भी है। वसा कोशिकाओं के प्रत्यारोपण में सिर्फ एक दिन लगता है और मरीज को अस्पताल से उसी दिन छुट्टी भी मिल जाती है। वह उसी दिन काम पर भी जा सकता है। इसके विपरीत आर्थराइटिस के इलाज के मौजूदा तरीकों के तहत सिर्फ दर्द दूर होने में ही में चार से छह सप्ताह लग जाते हैं। उसके बाद मरीज को वजन घटाने की जरूरत पड़ती है और फिजियोथेरेपिस्ट की मदद लेनी होती है। उसको दवाओं का सेवन भी करना पड़ता है। 

1- पतले कैनुला की मदद से मरीज के पेट से वसा कोशिकाएं निकाली जाती हैं। 
2- वसा कोशिकाओं को एक डिब्बे में सेलाइन के साथ मिलाया जाता है, इसके बाद वसा कोशिकाओं से 'पेरीसाइट' कोशिकाएं (रक्त नलिकाओं में मौजूद एक कोशिका) अलग की जाती हैं। 
3- पेरीसाइट कोशिकाओं को घुटनों के जोड़ों के बीच प्रत्यारोपित किया जाता है जिससे जोड़ों की नरम हड्डियों का सूजन कम होता है। 
 

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