आपके स्वभाव के लिए जिम्मेदार हैं हार्मोंस
बहुत कम लोग जानते हैं कि हर इंसान में हार्मोंस भी अलग-अलग होते हैं। ये हार्मोंस कोशिकाओं और ग्र
हार्मोंस का दिमाग पर पड़ता है असर
हार्मोंस न सिर्फ इंसान के शारीरिक विकास बल्कि उसके मस्तिष्क, भावनाओं और व्यवहार को भी प्रभावित करते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि हर इंसान में हार्मोंस भी अलग-अलग होते हैं। ये हार्मोंस कोशिकाओं और ग्रंथियों से निकलने वाले कैमिकल होते हैं जिनका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं के मुताबिक हार्मोंस के कारण ही सकारात्मक और नाकारात्मक विचार हमारे अंदर आते हैं जो हमारे स्वभाव पर असर डालते हैं।
सुस्त बनाते थायरॉयड हार्मोन
थायरॉयड हार्मोन हमारे शरीर में मौजूद एक ग्रंथि है। इस ग्रंथि से एक ऐसे हार्मोन का निर्माण होता है जो सीधे हमारी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। महिलाओं में थायरॉयड हार्मोन की शिकायत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पाई जाती है। थायरॉयड हार्मोन की कमी से डिप्रेशन, मानसिक सुस्ती, थकान और नींद ज्यादा आने संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। अगर शरीर में थायरॉयड हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाए तो ऐसे इंसान का दिमाग उसके शरीर को कोई ठोस निर्देश नहीं दे पाता, जिसका सीधा असर उसकी कार्य क्षमता पर पड़ता है।
गुस्सा लाते सेरोटोनिन हार्मोन
कुछ लोग छोटी-छोटी बात पर नाराज हो जाते हैं और उनका गुस्सा सबके सामने आ जाता है। दरअसल इस तरह के स्वभाव के लिए सेरोटोनिन हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। सेरोटोनिन हार्मोन हमारे दिमाग को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। खासतौर पर बढ़ती उम्र के बच्चों में इसका संतुलित होना बेहद जरूरी होता है। अच्छी नींद और नियमित रूप से भूख लगने के लिए भी सेरोटोनिन हार्मोन का संतुलित होना बेहद जरूरी होता है।
प्यार का एहसास कराता ऑक्सीटोसिन हार्मोन
दो अलग-अलग लोगों का एक-दूसरे के प्रति आकर्षण या प्यार का भाव उसके हार्मोन की विशेषता होती है। ऑक्सीटोसिन हार्मोन की मात्रा जिस इंसान के अंदर ज्यादा होती है ऐसा इंसान दूसरों से बहुत जल्दी आकर्षित हो जाता है। इस हार्मोन से अलग-अलग भावनाएं आती हैं। इस हार्मोन का असंतुलन भी कई बार परेशानी का कारण बन जाता है। महिलाओं ने इसका असर साफ देखा जाता है। ऑक्सीटोसिन हार्मोन के कारण महिलाओं में अपनो को खाने का डर बना रहा है जिसके कारण उनमें डिप्रेशन या फिर दिमागी रूप से वह कई बार तनाव में भी आ जाती हैं। यह हार्मोन न केवल इंसानों बल्कि जानवरों में भी पाया जाता है।
सिर के बालों को टेस्टोस्टेरोन से खतरा
पुरुष और महिलाओं दोनों में टेस्टोस्टेरोन नाम का हार्मोन पाया जाता है। इस हार्मोन की कमी से हृदय रोग और स्तन कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है। वहीं इसके बढ़ने से मुहांसे, वजन का बढ़ना और गंजेपन जैसी समस्याएं आने लगती हैं। शरीर में टेस्टोस्टेरॉन के अंसुतलन से इंसान की मौत तक हो सकती है। कई अध्ययनों में इस हार्मोन को मानसिक परेशानियों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया है।
डायबिटीज के लिए इंसुलिन जिम्मेदार
इन्सुलिन हार्मोन हमारे खून में ग्लूकोज के स्तर को नियमित करता है और अगर यह बनना कम हो जाता है तो इसकी कमी से खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और यह स्थिति ही डायबिटीज पैदा करती है। जब भी हमारे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है तो यह अग्नाशय ग्रंथि को बताता है कि वो इन्सुलिन हार्मोन को स्त्रावित करें। इन्सुलिन हार्मोन की कमी से डायबिटीज, थकान, अनिद्रा, कमजोरी और तेजी से वजन बढ़ना जैसी समस्याएं हो जाती हैं।