एंटीबॉडी की डोज जीका, डेंगू से बचाएगी
वैज्ञानिकों ने जीका और डेंगू वायरस से बचाने वाले एंटीबॉडी की पहचान की है। जीका के प्रभाव से गर्भस्थ शिशु में जन्म के समय से ही गंभीर मानसिक विकार हो जाते हैं। दरअसल, ब्राजील और आसपास के देशों में...
वैज्ञानिकों ने जीका और डेंगू वायरस से बचाने वाले एंटीबॉडी की पहचान की है। जीका के प्रभाव से गर्भस्थ शिशु में जन्म के समय से ही गंभीर मानसिक विकार हो जाते हैं।
दरअसल, ब्राजील और आसपास के देशों में जीका का काफी प्रभाव फैला था। वैज्ञानिकों ने कहा कि जिस मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है, वही जीका वायरस का भी वाहक होता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि रक्त में एंटीबॉडी कुछ सप्ताह तक सुरक्षित रहता है। लिहाजा एंटीबॉडी वाला इंजेक्शन लगाने से गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहा बच्चा जीका वायरस से सुरक्षित रहेगा। जबकि डेंगू वायरस बच्चों और व्यस्क में तेज बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द पैदा करता है, लेकिन यह सीधे तौर पर गर्भ पर कोई असर नहीं डालता। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल एस डायमंड ने कहा कि एंटीबॉडी का यह डोज न सिर्फ डेंगू को दूर रखेगा बल्कि जीका को भी पास नहीं फटकने देगा। हालांकि यह डोज संक्रमण के बाद जितनी जल्दी दी जाएगी, इसका असर उतना ही तेज और व्यापक होगा।
चूहों पर किए अध्ययन में पाया गया कि जिन चूहों को संक्रमण के दूसरे ही दिन एंटीबॉडी का डोज दे दिया गया, उनमें बीमारी का खतरा छह लाख गुना कम दिखा, जबकि संक्रमण के तीन दिन बाद इसकी डोज देने से व्यापक असर नहीं हुआ। वैज्ञानिकों बताया कि एंटीबॉडी के डोज ने भ्रूण पर जीका के संक्रमण के खतरे को 19 गुना तक घटा दिया जबकि गर्भनाल पर इसका खतरा 23 गुना कम हो गया।