#Breast Cancer: ऐसे पता लगाएं स्तन कैंसर के लक्षणों का
भारत में आम तौर पर महिलाओं में होने वाले कैंसर में सबसे प्रमुख है स्तन कैंसर। शुरुआती पहचान
शुरुआती पहचान है जरूरी
भारत में आम तौर पर महिलाओं में होने वाले कैंसर में सबसे प्रमुख है स्तन कैंसर। शुरुआती पहचान में देर में होने के कारण स्तन कैंसर का समय पर इलाज नहीं हो पाता। एक रिपोर्ट की मानें तो स्तन कैंसर से 2020 तक हर साल करीब 76,000 भारतीय महिलाओं की मौत हो सकती है।
भारत में हर 29 में से एक महिला को स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। हालांकि अगर स्तन कैंसर का समय पर पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। शुरुआती दौर में ही इस बीमारी का पता चलने पर इसका इलाज सस्ता, आसान और छोटा हो जाता है और सबसे जरूरी बात है कि इसका इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
हर महीने स्तनों का खुद से परीक्षण
महिलाएं जिनकी उम्र 20 साल से ज्यादा है उन्हें हर महीने स्तनों का खुद से परीक्षण करना चाहिए। महिलाएं जो 40 साल से ऊपर हैं उन्हें साल में एक बार मैमोग्राफी जरूर करवाना चाहिए। मैमोग्राफी से महिलाओं में किसी भी प्रकार की स्तन की बीमारी की पहचान की जा सकती है।
बेंगलुरु के बीजीएस ग्लोबल हॉस्पिटल की ब्रेस्ट ऑनकोलॉजी डिपार्टमेंट की इंचार्ज डॉक्टर जयंती का कहना है कि स्तनों का खुद से परीक्षण मुख्यत: तीन मिनटों में हो जाता है। इसे पीरियड्स के सांतवें दिन किया जाना चाहिए। जिन महिलाओं की मैनोपोज या अनियमित पीरियड्स की समस्या हो उन्हें महीने की किसी भी तारीख में यह कर लेना चाहिए। शीशे के सामने खड़ें होकर दोनों स्तनों के शेप और साइज को अच्छे से देखें। कहीं इनमें सूजन तो नहीं या फिर त्वचा में गड्ढे, सिकुड़न या लालपन तो नहीं। इसके अलावा निप्पल के डिस्चार्ज का रंग में देखें। शावर लेते वक्त स्तनों में होने वाले बदलावों को नोट करें। दूसरे स्टेप में हाथ ऊपर उठाएं और त्वचा में आने वाले बदलावों को देखें