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खोज:  कृत्रिम रक्त से दूर होगी अस्पतालों में खून की कमी

अस्पतालों में किसी गंभीर ऑपरेशन या डेंगू जैसी बीमारी के बड़े पैमाने पर फैलने पर खून की कमी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को जड़ से खत्म करने की कोशिशों में लगे विशेषज्ञ लैब में कृत्रिम रक्त बनाने...

खोज:  कृत्रिम रक्त से दूर होगी अस्पतालों में खून की कमी
एजेंसी,न्यूयॉर्कFri, 19 May 2017 09:40 PM
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अस्पतालों में किसी गंभीर ऑपरेशन या डेंगू जैसी बीमारी के बड़े पैमाने पर फैलने पर खून की कमी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को जड़ से खत्म करने की कोशिशों में लगे विशेषज्ञ लैब में कृत्रिम रक्त बनाने के करीब पहुंच गए हैं। इस सफलता के साथ पिछले 20 वर्षों से जारी प्रयोग चरम पर पहुंच गया है। 

बोस्टन चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉक्टर जॉर्ज डेले और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डीन ने बताया कि उनकी टीम प्रयोगशाला में मनुष्य का रक्त स्टेम सेल बनाने के काफी करीब पहुंच गए हैं। डॉ. डेले ने बताया कि उनकी टीम ने प्रयोगशाला में रक्त बनाने वाली स्टेम कोशिकाएं विकसित कर ली हैं। 

प्रयोग के दौरान देखा गया कि यह कोशिकाएं जब चूहों में प्रविष्ट की गईं तो वे विभिन्न तरह के मन्युष्य के रक्त ब्लड सेल बना पा रही थीं। विशेषज्ञों ने 1988 में ह्यूमन एंब्रियोनिक स्टेम सेल की पहचान कर ली थी। इसके बाद से ही इनके जरिये रक्त का निर्माण करने वाली स्टेम कोशिकाएं बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। 

अगर वे इस प्रयोग में सफल रहते हैं तो यह रक्त संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए जीवन बदलने वाली उपलब्धि साबित होगी। यह प्रयोग सफल होने पर विशेषज्ञ जरूरतमंद मरीज के स्टेम सेल की मदद से उनके लिए रक्त का निर्माण कर सकेंगे। ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नेटवर्क एनएचएस और प्रत्यारोपण टीम के अनुमान के मुताबिक उन्हें छह हजार लोगों के रक्तदान करने की जरूरत है। यह शोध नेचर पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है।

विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें एनीमिया, कैंसर और रक्त विकार जैसी गंभीर बीमारियों के अलावा बड़े ऑपरेशन में रक्त की जरूरत पड़ती है। शोध की प्रमुख लेखक डॉ. रयोहिची सुगीमुरा ने कहा कि इस खोज से उन मरीजों को खून की आपूर्ति करना आसान होगा, जिन्हें सर्जरी के दौरान खून की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा आनुवांशिक रक्त विकार के मरीजों का स्टेम सेल सुरक्षित रख सकेंगे और जीन एडिटिंग कर विकार दूर किया जा सकेगा। 

इसके बाद स्वस्थ रक्त कोशिकाओं से रक्त बनाकर मरीज को दिया जा सकता है। डॉ. सुगीमुरा कहती हैं कि इस खोज की मदद से विशेषज्ञों के लिए यूनिवर्सल दाता के रक्त से रक्त स्टेम सेल की निर्बाध आपूर्ति करना संभव होगा। 

सफलता
लैब में रक्त बनाने वाली स्टेम कोशिकाएं बनाईं
20 वर्षों से जारी प्रयोग चरम पर पहुंचा
1988 में ह्यूमन एंब्रियोनिक स्टेम सेल की पहचान हुई

चिंताजनक 
13 लाख लोग इंग्लैंड में रक्तदाता के तौर पर पंजीकृत 
4500 लोग भारत में रक्तदाता के तौर पर पंजीकृत
2100 इनमें से सक्रिय तौर पर रक्त दान करते हैं
(आंकड़े : ब्लडबैंकइंडिया.नेट)

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