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जल्द आ रहा है रोबोट पायलट, बोइंग 737 पर टेस्टिंग हुई सफल

हवाई सफर करने वाले लोगों को आने वाले समय में ‘हैलो मैं रोबोट पायलट विमान में आपका स्वागत करता हूं...’ जैसी उद्घोषणा सुनने को मिल सकती है। दरअसल, अमेरिका में एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस...

जल्द आ रहा है रोबोट पायलट, बोइंग 737 पर टेस्टिंग हुई सफल
लाइव हिन्दुस्तान टीम नई दिल्ली Sun, 21 May 2017 04:14 PM
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हवाई सफर करने वाले लोगों को आने वाले समय में ‘हैलो मैं रोबोट पायलट विमान में आपका स्वागत करता हूं...’ जैसी उद्घोषणा सुनने को मिल सकती है। दरअसल, अमेरिका में एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक वाले रोबोटिक सिस्टम ने व्यवसायिक हवाई यान बोइंग 737 को उड़ाया और सफलतापूर्वक उसे रनवे पर उतार कर भी दिखाया। आइए जानते हैं इस रोबोट के बारे में।

मेरिका के सुरक्षा विभाग ‘डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी’ (डीएआरपीए) के देखरेख में तैयार किए गए इस सिस्टम का नाम एलियास (एयरक्रू लेबल इन कॉकपिट ऑटोमेशन सिस्टम) है। इस रोबोट ने कैलिफॉर्निया स्थित मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिक संस्थान की लैब में मौजूद सिम्युलेटर तकनीक से रनवे पर खड़े बोइंग 737 हवाई यान को उड़ाया। फिर उड़ान के दौरान किए जाने वाले सभी परीक्षण के बाद ‘एलियास’ को हवाई जहाज उतारने की कमांड दी गई। इस रोबोट ने बिना किसी सहायता के उस हवाई यान को सफलता पूर्वक रनवे पर उतार कर दिखाया। सिम्युलेटर एक खास तरह की तकनीक है जो वर्चुअल दुनिया में असली दुनिया जैसा अहसास कराती है। 

ऐसा करता है काम 
इस आधुनिक रोबोटिक सिस्टम को सहायक-पायलट के स्थान पर लगाया गया। यह इंसानी शरीर की तरह दिखने वाला रोबोट नहीं है बल्कि यह एक रोबोटिक सिस्टम है जिसका आकार एक साधारण मशीन की तरह होता है। यह रोबोट कॉकपिट में लगे सेंसर और कैमरों से मिलने वाली जानकारी का विश्लेषण करता है और फिर कमांड को अन्य हिस्सों तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद यह मशीन अपना काम करना शुरू कर देती है। इसमें एक हाथ है जो सेंसर से मिलने वाली जानकारी के बाद प्रतिक्रिया करता है।

इससे पहले दो यान में हुआ था परीक्षण 
बोइंग 737 जैसे बड़े जहाज में इस आधुनिक रोबोटिक सिस्टम को लगाने से पहले इसका परीक्षण सेसना एयरक्राफ्ट और एक हेलीकॉप्टर में किया गया था। इन हवाई यान में इस सिस्टम की किट को सहायक पायलट के स्थान पर फिट किया गया था। उड़ान के दौरान सिस्टम ने देखा कि पायलट बटन और सेंसर पर कैसे ध्यान रखता है और उन्हें कैसे ऑन/ऑफ किया जाता है। यह सब सेंसर द्वारा उसकी मेमोरी में सेव होता रहा।

क्या है ऑटो-पायलट और एलियास में अंतर 
कंप्यूटर का प्लेन उड़ाना कोई नई बात नहीं है और आज के प्लेन में ऑटो-पायलट इसी के आधार पर बना है। गौर करने वाली बात यह है कि ऑटो-पायलट मोड को हवा में उड़ान के दौरान ऑन किया जा सकता है। लैंडिंग और टेकऑफ के दौरान ऑटो मोड काम नहीं करता है। लेकिन एलियास एक कदम आगे है। उदहारण के तौर पर वो कॉकपिट के सभी मशीनों को ऑपरेट कर सकता है तो वह सिस्टम प्लेन को किसी भी तरफ मोड़ सकता है। ये वैसे ही काम करता है जैसे कि एक पायलट काम करता है।

अमेरिकी लड़ाकू जहाज उड़ाने में मददगार 
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए सबसे बड़ा सहयोग अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी डीएआरपीए है जिसे डारपा भी कहते हैं। यह एजेंसी इस प्रोजेक्ट के लिए फंड भी जारी कर रही है। डारपा आर्टिफिशियल पायलट को लड़ाकू जहाज में इस्तेमाल करना चाहती है। इस सिस्टम की खास बात यह है कि एलियास सिस्टम को बड़ी आसानी से किसी भी हवाई यान में स्थापित किया जा सकता है। डारपा ने बताया कि एक सिस्टम एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर दोनो को बड़ी ही आसानी से उड़ा सकता है। 

क्या है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस  
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमता पर दुनिया भर में अध्ययन तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इस कृत्रिम बुद्धिमता को रोबोटिक या मशीनों में लगाने की कोशिश की जा रही है ताकि वह इंसानों की तरह काम करने में सक्षम हो सकें और फैसले भी ले सकें।  
 

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