खुलासा: दुनियाभर के WiFi में मिली ये खामी, चोरी हो सकती है आपकी प्राइवेट जानकारी
दुनिया में जिस तेजी हर काम इंटरनेट से जुड़ता जा रहा है उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम में भी इजाफा हो रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक जगह-जगह पर इस्तेमाल किए जाने वाले वाई-फाई में एक ऐसी खामियां सामने...
दुनिया में जिस तेजी हर काम इंटरनेट से जुड़ता जा रहा है उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम में भी इजाफा हो रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक जगह-जगह पर इस्तेमाल किए जाने वाले वाई-फाई में एक ऐसी खामियां सामने आई हैं जिनके चलते आपकी प्राइवेट जानकारी चोरी होने का खतरा बढ़ गया है।
ये खामियां WPA2 टाइप के वाई-फाई में पाई गई हैं जो दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इस कमी के चलते KRACK अटैक के जरिए क्रेडिट कार्ड नंबर, तमाम पासवर्ड, मैसेज, ईमेल और फोटो जैसी निजी जानकारियों को आपके डिवाइस के चुराया जा सकता है। इस कमी के सामने आने से दुनियाभर के वाई-फाई नेटवर्कों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है।
क्या है वाई-फाई की ये खामी
दुनिया में ज्यादातर वाई-फाई नेटवर्क WPA2 प्रोटोकॉल पर काम करते हैं। भारत में भी इस प्रोटोकॉल पर ही वाई-फाई चलते हैं। यह प्रोटोकॉल मॉडर्न प्रोटेक्टेड वाई-फाई नेटवर्क को सिक्योर करता है। ताजा खुलासे के अनुसार इसी सिक्योर प्रोटोकॉल में खामी पाई गई है।
इस कमी के चलते इस नेटवर्क पर KRACK यानि 'Key Reinstallment Attack' का खतरा बढ़ गया है। इस अटैक के निशाने पर वो सभी डिवाइस होते हैं जो वाई फाई से जुड़े रहते हैं। रिसर्चर मैथी वैनहॉफ ने दावा किया है किे इस अटैके के जरिए संवेदनशील जानकारियों को चुराने के अलावा डेटा के साथ छेड़छाड़ करना भी संभव है। उदाहरण के तौर पर, कोई अटैकर वेबसाइट पर रेंसमवेयर या मालवेयर जैसे बेहद खतरनाक वायरस इंजेक्ट कर सकता है।
क्रैक अटैक वाई-फाई से कनेक्टेड LINUX समेत उन एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर भी अटैक करता है जो 6.0 और उससे ऊपर के वर्जन हैं। इसके अवाला इस प्रोटोकॉल से जुड़े वो डिवाइस भी खतरे में आ जाते हैं जिनमें Windows,iOS,macOS और OpenBSD सिस्टम काम करते हैं।
बता दें इस खामी को लेकर कुछ दिन पहले ही माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विंडोज फोन के यूजर्स को सुरक्षित करने के लिए एक पैच भेजा था। उसने कहा है कि जिन यूजर्स ने विंडोज अपडेट और सिक्योरिटी अपडेट ऑन कर रखा है वो उनके डिवाइस अपने आप सुरक्षित हैं। इसके अलावा गूगल ने भी कहा कि वो इस खामी को देखते हुए अपने डिवाइस को ठीक करने के लिए प्रोग्राम जारी करेगा।