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Google Glass का नया अवतार मरीजों को देगा जीवनदान

अब वो दिन दूर नहीं जब रोगियों का इलाज करने के लिए डॉक्टर वियरेबल टेक्नोलॉजी ‘गूगल ग्लास’ की मदद

हिन्दुस्तान टीम नई दिल्लीFri, 21 July 2017 09:46 PM
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गूगल ग्लास का नया अवतार मरीजों को देगा जीवनदान

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अब वो दिन दूर नहीं जब रोगियों का इलाज करने के लिए डॉक्टर वियरेबल टेक्नोलॉजी ‘गूगल ग्लास’ की मदद लेंगे। गूगल ग्लास के जरिए न सिर्फ मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा, बल्कि इससे डॉक्टर कम समय में ज्यादा मरीजों की जांच भी कर पाएंगे। गूगल ग्लास के इस नए अवतार को स्वास्थ सेवाओं के लिए खासतौर पर रीडिजाइन किया गया है। बता रहे हैं सुमित कुमार।

साल 2013 में गूगल ग्लास को पहली बार लॉन्च किया गया था। लेकिन अगले दो वर्षों तक ग्राहकों को आकर्षित न कर पाने की वजह से यह प्रोडक्ट 2015 के अंत में बाजार से गायब हो गया। हाल ही में इसे हेल्थकेयर सहित कई अन्य उद्योगों में मदद के लिए रीडिजाइन कर बाजार में उतारा गया है।

ऑग्मेडिक्स के जरिए मरीजों का होगा बेहतर इलाज
हेल्थकेयर सेक्टर में गूगल ग्लास की सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए 30 शोधकर्ताओं ने लगभग 2 साल तक इस पर कार्य किया है। 
30 शोधकर्ताओं के इस समूह का नेतृत्व जय कोठारी ने किया है। उन्होंने बताया कि हेल्थकेयर पेशेवरों की मदद करने के लिए गूगल ग्लास महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अब तक कई हेल्थ सेंटर तो इसका इस्तेमाल भी करने लगे हैं। डॉक्टर और मरीज के बीच होने वाली बातचीत की विडियो गूगल ग्लास पर रिकॉर्ड हो जाती है, जिसे डॉक्टर बाद में भी देख सकते हैं। चिकित्सकों की दुनिया में इसे ‘ऑग्मेडिक्स’ कहा जाता है। इस पर रिकॉर्ड होने वाले विडियो को देखने के बाद डॉक्टर सही ढंग से मरीजों का इलाज कर पाते हैं। इससे कंप्यूटर पर टाइपिंग और नोट्स लिखने में खर्च होने वाला समय बचता है और डॉक्टर कम समय में ज्यादा मरीजों से मिल पाते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक डॉक्टरों का लगभग 33 प्रतिशत समय प्रशासनिक कार्यों में खराब होता है।

चिकित्सा प्रशिक्षण में मददगार

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गूगल ग्लास के जरिए न सिर्फ मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सकती है, बल्कि मेडिकल स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित करने के लिए भी यह बेहद कारगर है। सर्जन या डॉक्टर इसे पहनकर ऑपरेशन का विडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं, जो मेडिकल के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने में काम आएगा। आमतौर पर विद्यार्थी थ्योरी में पढ़ाई हुई चिकित्सा संबंधी बारीकियों को नहीं समझ पाते। लेकिन गूगल ग्लास से बनाए हुए ऑपरेशन विडियो के माध्यम से उन्हें वास्तविक तौर पर इसकी जानकारी दी जा सकती है।

दिग्गज कंपनियों ने भी अपनाया गूगल ग्लास
हेल्थकेयर से पहले कई बड़ी कंपनियां इस डिवाइस का प्रयोग कर चुकी हैं। विश्व की लगभग 50 से भी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपनी ‘प्रोडक्टिविटी’ को सुधारने के लिए गूगल ग्लास अपना चुकी हैं। इनमें ‘एजीसीओएल’, ‘डीएचएल’, ‘एनएफएस इंटरनेशनल’ और ‘द बोइंग’ जैसी कंपनियां शुमार हैं। दिग्गज कार निर्माता कंपनी ‘वॉक्सवैगन’ भी गूगल ग्लास का उपयोग करने में पीछे नहीं है। वहीं चिकित्सा के क्षेत्र में ‘डिग्निटी हेल्थ’ और ‘सटर हेल्थ’ जैसे संस्थानों में मरीजों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

बेहतर कैमरे के साथ वापसी
2 साल की कड़ी मेहनत के बाद गूगल ग्लास का बिल्कुल नया वर्जन पेश किया गया है। इसमें वाई-फाई और ब्लूटूथ की सर्विस को पहले से ज्यादा बेहतर बनाया गया है। साथ ही ग्लास के ऊपर एक लाल बत्ती लगाई गई है, जो विडियो रिकॉर्डिंग के समय एक्टिव रहती है। इसमें पहले से ज्यादा पावरफुल बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा गूगल ग्लास अब 5 मेगापिक्सल की बजाय 8 मेगापिक्सल के कैमरे से लैस होगा। इसका वजन पहले से हल्का है और यूजर इसे लगाकर घंटों तक लगातार काम कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार इसे एक फोल्डेबल डिवाइस के रूप में पेश किया गया है। यानी अब आप इसे चश्मे की तरह मोड़कर जेब में भी रख सकते हैं।

गूगल ग्लास की मदद से दिल का ऑपरेशन
साल 2015 में एक हृदय रोगी का ऑपरेशन डॉक्टरों ने गूगल ग्लास पहनकर किया था। यह ऑपरेशन पॉलैंड में किया गया था। दुनिया में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन था। 49 साल के एक मरीज को लंबे समय से हृदय धमनियों में ब्लॉकेज की शिकायत थी, जिसके बाद उसकी सर्जरी करनी पड़ी। यह ऑपरेशन इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी, वर्साव (पॉलैंड) के डॉक्टरों ने किया था। इसमें डॉक्टरों ने गूगल ग्लास के अलावा वॉयस रिकॉग्निशन के लिए हैंड फ्री का उपयोग किया था। गूगल ग्लास की वजह से उन्हें धमनियों में ब्लॉकेज को ढूंढ़ने में काफी आसानी हुई और यह ऑपरेशन सफल रहा।

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