MOVIE REVIEW: फिल्म देखने से पहले पढ़ें कैसी है '2016 दि एंड'
सितारे : द्विवेंदु शर्मा, राहिल रॉय, प्रिया बैनर्जी, किकू शारदा, हर्षद चोपड़ा, राहुल रॉय, नरेन्द्र झा, सुप्रिया कार्निक निर्देशक: जयदीप चोपड़ा निर्माता : जयदीप चोपड़ा, साक्षी चोपड़ा,...
सितारे : द्विवेंदु शर्मा, राहिल रॉय, प्रिया बैनर्जी, किकू शारदा, हर्षद चोपड़ा, राहुल रॉय, नरेन्द्र झा, सुप्रिया कार्निक
निर्देशक: जयदीप चोपड़ा
निर्माता : जयदीप चोपड़ा, साक्षी चोपड़ा, शिखर पाराशर
संगीत: फैजान हुसैन, एंजिल रोमन
ये दुनिया फलां दिन-तारीख को खत्म हो जाएगी। ऐसी कई भविष्यवाणियां हो चुकी हैं, पर हुआ कुछ भी नहीं। तो क्यों न इस पर एक फिल्म बना ली जाए। आखिर देखें तो सही कि दुनिया खत्म होने में जब मात्र छह-सात दिन रह जाएंगे, तो आज के युवा क्या करेंगे? मोटे तौर पर इस फिल्म की कहानी कुछ ऐसी ही विचारधारा के आस-पास बुनी गयी है।
ये कहानी है चार दोस्तों की, जिनमें से एक है सनी (द्विवेंदु शर्मा)। सनी बेरोजगार है, इसलिए वो गुजारे के लिए अपने ही पिता की गाड़ी के टायर चोरी कर बेच देता है। दूसरा है राहुल (हर्षद चोपड़ा) जो कि एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा है। तीसरी है शीतल (प्रिया बैनर्जी), जिससे राहुल मन ही मन प्यार करता है और चौथा है असीमानंद उर्फ अस्सी (किकू शारदा)। एक दिन इन चारों की मुलाकात एक वैज्ञानिक से होती है, जो इन्हें बताता है कि ये दुनिया 141 दिनों में खत्म होने वाली है। लेकिन, वैज्ञानिक की गणना में कुछ गड़बड़ी होती है। जब इन चारों को पता चलता है कि ये दुनिया अब केवल सात दिनों में खत्म होने वाली है, तभी से सारा बखेड़ा शुरू होता है।
जीने का कोई रास्ता न देख ये चारों मस्ती करने का मन बनाते हैं और निकल पड़ते हैं एक मन-मौजे सफर पर। तभी इन्हें कार में एक करोड़ रुपए मिल जाते हैं। इससे इनकी मस्ती में इजाफा हो जाता है और ये निकल पड़ते हैं गोवा।
जयदीप चोपड़ा निर्देशित ‘2016 दि एंड’ एक साल पहले दिसंबर के अंत में रिलीज होने वाली थी। तब ये फिल्म आती तो अपने नाम को सार्थक कर पाती। लेकिन, अच्छा हुआ कि नहीं आयी, क्योंकि तब और ज्यादा निराशा होती। फिल्म नाम से ही पुरानी लगती है और ऊपर से इसकी कहानी और पटकथा भी बेहद कमजोर है।
कई सारे मजेदार किरदार होने के बावजूद फिल्म में मनोरंजन है ही नहीं। ऐसा लगता है कि कई सारे घिसे-पिटे किरदार एक मंच पर ठूंस दिए गए हैं, जो फूहड़ कॉमेडी किए जा रहे हैं और पार्श्व में दशर्कों को हंसाने के लिए हंसी के फुटेज गूंज रहे हैं। ऐसा अक्सर उस कॉमेडी शो में होता है, जहां कॉमेडियन बेजान स्क्रिप्ट के साथ परफॉर्म करता है। इसलिए ये फिल्म जोरदार ढंग से निराश करती है।
रेटिंग 1 स्टार