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Hindi News क्रिकेटBirthday: जब जबड़ा टूटने के बाद भी खेला ये भारतीय खिलाड़ी और टीम को दिलायी जीत

Birthday: जब जबड़ा टूटने के बाद भी खेला ये भारतीय खिलाड़ी और टीम को दिलायी जीत

कुंबले ने संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया के कोच भी रहे। उस दौरान भी उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने बेतहरीन प्रदर्शन किया था। आज कुंबले का जन्मदिन है।

Ratnakarलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 17 Oct 2017 08:18 AM

कई मौकों पर दिखा कुंबले का क्रिकेट के प्रति समर्पण

कई मौकों पर दिखा कुंबले का क्रिकेट के प्रति समर्पण1 / 2

पूर्व दिग्गज खिलाड़ी अनिल कुंबले ने टीम इंडिया के लिये कई मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुये ऐतिहासिक जीत दिलायी है। कुंबले ने संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया के कोच भी रहे। उस दौरान भी उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने बेतहरीन प्रदर्शन किया था। आज कुंबले का जन्मदिन है। इनका जन्म 17 अक्टूबर 1970 को हुआ था। कुंबले कर्नाटक के बैंगलुरू के रहने वाले हैं। 

जब कुंबले ने टीम इंडिया में आये थे तब से उन्हें जंबो के नाम से पुकारा जाने लगा। कद-काठी से तेज गेंदबाज नजर आने वाले कुंबले स्पिनर रहे हैं। एक ऐसा स्पिनर जिसकी गेंदें ज्यादा टर्न नहीं लेती थीं, लेकिन सटीक लाइन-लेंथ और 'जंबो जेट' की तरह उछाल से बल्लेबाजों के पसीने छूट जाते थे। इसी वजह से उन्हें 'जंबो' कहा जाने लगा। 

इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी में खेल के प्रति हमेशा समर्पण भावना रही। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला जब वो जबड़ा टूटने के बाद भी खेले।

2002 में टीम इंडिया के वेस्टइंडीज दौरे पर एंटीगुआ टेस्ट के दौरान देखने को मिला, जब बल्लेबाजी के दौरान बाउंसर से जबड़ा टूट जाने के बावजूद टीम की जरूरत को देखते हुए कुंबले अगले दिन पूरे चेहरे पर पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे और 14 ओवर की गेंदबाजी में विपक्षी टीम के सबसे मजबूत खिलाड़ी ब्रायन लारा का महत्वपूर्ण विकेट भी टीम के लिए हासिल किया। 

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भारत की जीत में कुंबले का सबसे बड़ा योगदान रहा

भारत की जीत में कुंबले का सबसे बड़ा योगदान रहा2 / 2

टीम की जीत में सबसे ज्यादा विकेट कुंबले के नाम :

कुंबले के दो दशक के लंबे करियर में टीम इंडिया ने 43 मैच जीते, जिनमें कुंबले ने 288 विकेट लिए। इनमें उनका औसत 18.75 का रहा और इस दौरान उन्होंने 20 बार एक पारी में 5 विकेट और पांच बार 10 विकेट झटके। मैच जिताने वाले भारतीय खिलाड़ियों की इस सूची में उनसे पहले कोई नहीं है। वहीं उनके बाद हरभजन सिंह हैं। 

पाकिस्तान में भारत को दिलायी बड़ी जीत :

भारत को धुर विरोधी पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज जीत हासिल करने के लिए 2004 तक लंबा इंतजार करना पड़ा। यह जीत भी कुंबले के रहते हासिल हुई और इसमें उनका बड़ा योगदान रहा। अप्रैल, 2004 की इस सीरीज में अनिल कुंबले ने 3 टेस्ट मैचों में 15 विकेट हासिल किए। भारत को इनमें से 2 में जीत मिली, जबकि एक मैच में हार का सामना करना पड़ा। 

वेस्टइंडीज को 35 साल बाद हराया :

एक समय में वेस्टइंडीज के मैदान तेज गेंदबाजों के लिये ज्यादा फायदेमंद होते थे और यहां स्पिन गेंदबाज अक्सर विकेट लेने में असफल होते थे। पहले भारतीय टीम में कोई ऐसा गेंदबाज नहीं था, जो वेस्टइंडीज के तूफानी बल्लेबाजों को पैवेलियन भेज सके। 

लेकिन जून 2006 में परिस्थितियां बदलीं और तेज विकेटों पर स्पिनर अनिल कुंबले ने वह कर दिखाया, जो कोई भी गेंदबाज या बल्लेबाज नहीं कर पाया था। कुंबले ने इस दौरे में 4 टेस्ट मैचों में 23 विकेट झटके थे। इनमें से 3 मैच ड्रॉ रहे थे, जबकि अंतिम मैच भारत ने 49 रन से जीत लिया।किंग्सटन में खेले गए इस मैच में 269 रनों का पीछा करते हुए इंडीज की पारी 219 रनों पर सिमट गई थी। कुंबले ने 78 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे।

कुंबले भारतीय टीम के कोच भी बने। 24 जून 2016 को उन्हें कोच पद मिला। 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद उन्होंने कोच पद से इस्तीफा दिया। कोचिंग के कार्यकाल में कुंबले और कप्तान विराट कोहली में काफी मतभेद हुए। इन मतभेदों के चलते ही उन्होंने इस्तीफा दिया था।