FB Post: इस महिला की सचिन तेंदुलकर से मिलने की आखिरी इच्छा ऐसे हुई पूरी
केरल के एन रमेश कुमार ने फेसबुक पोस्ट में अपने पर्सनल एक्सपिरियंस को लोगों के लिए आशा और ढाढस बंधाने वाला बना दिया। उन्होंने अपनी पत्नी की सचिन तेंदुलकर से मिलने की आखिरी इच्छा...
केरल के एन रमेश कुमार ने फेसबुक पोस्ट में अपने पर्सनल एक्सपिरियंस को लोगों के लिए आशा और ढाढस बंधाने वाला बना दिया। उन्होंने अपनी पत्नी की सचिन तेंदुलकर से मिलने की आखिरी इच्छा पूरी करने के बाद फेसबुक पर एक माकर्मि पोस्ट लिखा। यह पोस्ट जितना मार्मिक है कैंसर जैसी बडी़ बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए उतना ही आशावादी भी है। आपको बता दें एन रमेश कुमार की पत्नी का कैंसर से जूझते हुए निधन हो गया था।
केरल के पलक्कड़ जिले के रहने वाले कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी अच्चु ने आखिरी दिनों में जब कीमोथेरेपी के जरिए उसका लगातार इलाज चल रहा था तब अपनी आखिरी इच्छा जताई थी।
मंगलवार को लिखे पोस्ट में एन रमेश कुमार अपनी पत्नी की इच्छा बताते हुए लिखते हैं कि उसने कहा, "मैं अपने हीरो सचिन तेंदुलकर से मिलना चाहूंगी।"
कुमार ने बताया कि उसने अखबार में कहीं पढ़ा था कि सचिन इंडियन सॉक्कर लीग के एक मैच को देखने के लिए कोच्चि आएंगे। जिसमें से एक टीम कोच्चि ब्लास्टर्स है। सचिन इस टीम के को-ऑनर हैं। मैच पिछले साल अक्टूबर में कल्लूर इंटरनेशनल स्टेडियम में हुआ था।
कुमार की पत्नी ने कहा था, "मुझे मौत से डर नहीं लगता, क्या तुम मुझे वहां ले चलोगे।"
कुमार ने कहा उनकी पत्नी की दृढ़ इच्छा ने उनके लिए और कोई चॉइस नहीं छोड़ी थी। मैच के कुछ ही दिन बाकी थे फिर अपने दोस्तों की मदद से मैंने टिकट का इंतजाम कर लिया।
उन्होंने कहा कि, "स्टेडियम में चार दोस्तों ने हमारी मदद की, इसके अलावा पुलिस ने भी एक स्टैंड-बाय एंबुलेंस का इंतजाम किया था। हमने सभी एग्जिट पॉइंट्स मार्क कर लिए थे।"
"कुछ देर की मुश्किल के बाद आखिर में वो मौका आया, जिसका हम सब को इंतजार था। सचिन-सचिन की आवाज के बीच हम अपना दर्द भूल चुके थे और अच्चू उस दिन सबसे खूबसूरत लग रही थी।"
फोटो में कुमार की पत्नी ने टोपी पहनी हुई थी। शायद कीमोथैरेपी की वजह से झड़े बालों की वजह से उन्होंने टोपी पहनी हुई हो।
अपने पोस्ट में कुमार ने इस बात का जिक्र किया कि मैं इस पोस्टो को किसी भी तरह की सिम्पैथी के लिए या किसी भी तरह की मदद के लिए नहीं लिख रहा हूं बल्कि लोगों को ये बताने के लिए लिख रहा हूं ताकी बीमारी से जूझ रहे लोग जिंदगी और मौत दोनों को ऐसे ही पेश करें जैसा मेरी पत्नी ने किया।
"उसने एक उदाहरण पेश किया है। जो होना है वो हो कर रहेगा। चाहे कितनी भी बड़ी मुश्किल क्यों न हो कभी हार नहीं मानाना चाहिए।"