यादगारः जब सचिन की चिट्ठी से मिली थी हरमनप्रीत को रेलवे में नौकरी
महिला वर्ल्ड कप 2017 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रनों की पारी खेलने वाली हरमनप्रीत भले ही आज घर-घर में पहचानी जाने लगी हों लेकिन क्रिकेट एक्सपर्ट्स की नजर उनपर बहुत पहले से थी।...
महिला वर्ल्ड कप 2017 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रनों की पारी खेलने वाली हरमनप्रीत भले ही आज घर-घर में पहचानी जाने लगी हों लेकिन क्रिकेट एक्सपर्ट्स की नजर उनपर बहुत पहले से थी। इनमें सबसे ऊपर नाम आता है टीम इंडिया की पूर्व कप्तान डायना इडुजी का जिन्होंने सचिन की मदद से उन्हें इंडियन रेलवे में नौकरी दिलवाई थी।
रेलवे से रिटायर्ड स्पोर्ट्स ऑफिसर पूर्व कप्तान इडुजी की नजर हरमनप्रीत पर जूनियर क्रिकेट के दिनों से थी और वो चाहती थीं कि हरमनप्रीत मुंबई आकर यहां की टीम ज्वाइन करें।
कौर की उम्र तब 24 साल थी और उत्तर रेलवे में उनको एक नौकरी मिल चुकी थी लेकिन जब तक थोड़ा बेहतर पोस्ट नहीं मिलता मुंबई शिफ्ट होना मुश्किल था। लेकिन इडुजी ने उन्हें वेस्टर्न रेलवे में यहां से बेहतर पोस्ट दिलवाने की बात कही और इनसे वेस्टर्न रेलवे में सीनियर ऑफिस सुप्रिंटेंडेंट के पोस्ट का वादा किया। इनका लेटर बाद में दिल्ली राष्ट्रपति के पास भेजा गया जिसे रिजेक्ट कर दिया गया।
तभी सचिन तेंदुलकर के मदद की जरूरत पड़ी। डायना बताती हैं कि, "मैंने सचिन से जो कि मेंबर ऑफ पार्लियामेंट भी हैं, रिक्वेस्ट किया कि रेल मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर हरमनप्रीत कौर का मामला आगे भेजें।"
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इसके बाद इडुजी ने किसी तरह से हरमनप्रीत कौर को वेस्टर्न रेलवे में नौकरी लगवा दी और आज हरमनप्रीत टीम इंडिया के वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने की सबसे बड़ी वजह बनीं।
आज भी महिला क्रिकेट की हालातों में बहुत सुधार नहीं हुआ है। वर्ल्ड कप टूर पर इंग्लैंड के लिए निकलने से पहले कई खिलाड़ी एक अदद किट बैग के लिए भी परेशान हो रही थीं। जबकि इडुजी का मानना है कि नई खिलाड़ियों में कईयों के लिए यह पहला मौका था जब खिलाड़ियों को बिजनेस क्लास में ट्रेवल करने का एक्सपीरियंस हुआ होगा। चीजें धीरे-धीरे बदल रही हैं। अब मिलने वाले डेली अलाउंस में भी इजाफा किया गया है(100 डॉलर/दिन) जो कि पुरुष टीम जितना ही दिया जा रहा है।