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दस्तावेजों का खुलासा: कुंबले ने की थी कप्तान की कमाई के 60 प्रतिशत हिस्से की मांग

भारत के पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले ने अनुबंधों के पुनर्गठन को लेकर बीसीसीआई को जो 19 पन्ने का प्रस्ताव दिया था उसमें वेतन को सबसे अधिक तरजीह दी गई थी और उन्होंने मांग की थी कि मुख्य कोच की कमाई...

दस्तावेजों का खुलासा: कुंबले ने की थी कप्तान की कमाई के  60 प्रतिशत हिस्से की मांग
एजेंसी,नई दिल्लीFri, 23 Jun 2017 10:20 PM
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भारत के पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले ने अनुबंधों के पुनर्गठन को लेकर बीसीसीआई को जो 19 पन्ने का प्रस्ताव दिया था उसमें वेतन को सबसे अधिक तरजीह दी गई थी और उन्होंने मांग की थी कि मुख्य कोच की कमाई कप्तान की अनुमानित कमाई का 60 प्रतिशत होनी चाहिए।
      
दस्तावेज में साथ ही आईपीएल से राष्ट्रीय कोचों की कमाई का समर्थन किया गया था जिससे कि उनकी आय में इजाफा होगा लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह हितों का टकराव है या नहीं।
      
कुंबले ने साथ ही सुझाव दिया था कि खिलाडि़यों के केंद्रीय अनुबंध का 20 प्रतिशत हिस्सा  वैरिएबल पे होना चाहिए जो उनके  फिटनेस स्तर पर आधारित हो। पीटीआई को कुंबले के इस प्रस्तुतिकरण की प्रति मिली है जो उन्होंने 21 मई को आईपीएल फाइनल के दौरान प्रशासकों की समिति (सीओए) को सौंपा था।
       
भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़े लोगों के वेतन और अनुबंध का पुनर्गठन शीर्षक वाले इस दस्तावेज के 12वें पन्ने में कुंबले ने सहायक स्टाफ के वेतन में इजाफे का प्रस्ताव दिया है। बिंदू संख्या 10  द सजेस्टेड चेंज: एनेबलर्स के अंतर्गत पूर्व भारतीय कप्तान ने चार कालम का चार्ट दिया है। कुंबले ने एनेबलर्स शब्द का इस्तेमाल सहयोगी स्टाफ के लिए किया है।

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कुंबले ने साढ़े 6 करोड़ के मौजूदा वेतन को बढ़ाकर साढ़े सात करोड़ रूपये करने का सुझाव दिया है और टिप्पणी कॉलम में लिखा है: कप्तान की अनुमानित आय का 60 प्रतिशत। टीम के प्रदर्शन के आधार पर अपने वेतन का 30 प्रतिशत वैरिएबल बोनस का पात्र। पूर्व कोच का यह प्रस्ताव संकेत था कि जब भी कोहली को बीसीसीआई से अधिक कमाई होगी तब अनुपात के आधार पर उनका वेतन भी बढ़ेगा। 
     

इस चार्ट में सुझाव दिया गया है कि संजय बांगड़ का वेतन एक करोड़ से बढ़ाकर ढाई करोड़ कर दिया जाए जबकि आर श्रीधर को मौजूदा एक करोड़ की जगह एक करोड़ 75 लाख रूपये मिले और यह वृद्धि पूर्व प्रभाव से एक जून 2016 से लागू हो।
      
कुंबले के इन सुझावों में हालांकि जिसने बीसीसीआई के आला अधिकारियों का ध्यान खींचा वह राष्ट्रीय कोचों की  आईपीएल से आय का सुझाव है।गौरतलब है कि सीओए के पूर्व सदस्य रामचंद्र गुहा ने समूह से अलग होते हुए राष्ट्रीय कोचों के आईपीएल से कमाई करने का मुद्दा उठाया था और इसे हितों के टकराव का स्पष्ट मुद्दा करार दिया था। कई लोगों ने इसे गुहा का राहुल द्रविड़ पर निशाना माना था जो भारत ए और अंडर 19 टीम कोच होने के अलावा आईपीएल की दिल्ली फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ भी यही भूमिका निभाते हैं।

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कुंबले ने 11वें पन्ने के नौवें बिंदू में एनेबलर्स के लिए दिशानिर्देश में लिखा है: खिलाड़ियों को आईपीएल विंडो के दो महीने के दौरान अनुबंध से बाहर रखा जाता है। इसी तरह कोचों को भी अनुबंध से बाहर रखने की जरूरत है जिससे कि वह आईपीएल का हिस्सा बन सकें-इससे उनकी आय में इजाफा हो सकेगा और उन्हें अधिक अनुभव मिलेगा विशेषकर टी-20 मैचों में। 
      
कुंबले के प्रस्ताव का अध्ययन करने वाले बीसीसीआई के एक अधिक काफी मुद्दे प्रासंगिक हैं लेकिन आईपीएल पर उनका प्रस्ताव उसके विपरीत है जो गुहा ने अपने पत्र में लिखा था। अगर हम गुहा के लिखे मुताबिक चलते है तो अनिल ने जो मांग की है वह हितों के टकराव का स्पष्ट मामला है।

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