UP Board Result 2017 : रिजल्ट के बाद तनाव से इस तरह बचें
यूपी बोर्ड के 12वीं और 10वीं के रिजल्ट शुक्रवार को दोपहर 12:30 बजे upresults.nic.in पर जारी हो गए। हर बार की तरह इस बार भी कुछ छात्रों बहुत अच्छे नंबर मिलें तो कुछ छात्रों का रिजल्ट...
यूपी बोर्ड के 12वीं और 10वीं के रिजल्ट शुक्रवार को दोपहर 12:30 बजे upresults.nic.in पर जारी हो गए। हर बार की तरह इस बार भी कुछ छात्रों बहुत अच्छे नंबर मिलें तो कुछ छात्रों का रिजल्ट निराशाजनक रहा। लेकिन हमें इस निराशा से बचना है और हौसला बनाए रखना है।
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यहां हम मनोवैज्ञानिकों की सहायता से कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जो आपकी निराशा को कम करने में मदद कर सकती हैं।
रिजल्ट खराब होने का मतलब जिंदगी बर्बाद होना नहीं होता। पूरी जिंदगीभर हमें नए मौके मिलते रहते हैं। आज यूपी बोर्ड 12वीं और 10वीं के रिजल्ट आ रहे हैं ऐसे में छात्रों की धड़कनें बढ़ना और दिमाग अशांत होना स्वभाविक है लेकिन इससे निपटने के भी तरीके हैं। आगे पढ़ें, एक्सपर्ट के मुताबिक कैसे निपटे इस टेंशन भरे माहौल से-
विशेषज्ञों की मानें इस माहौल में सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि माता-पिता को भी कुछ सावधानियां अपनानी चाहिए। उन्हें बच्चे से बुरे रिजल्ट के बारे में बात नहीं करना चाहिए। बल्कि बच्चे का हौसला बढ़ाना चाहिए चाहे रिजल्ट कैसा भी हो।
अगर बच्चा तनाव में दिखे या जान देने जैसी बातें करे तो घरवालों को चाहिए कि वह तुरंत मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिस्ट) की सलाह लें। या काउंसलर के पास जाएं।
अभिभावक अपने बच्चे को सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं और इसलिए वह चाहते हैं उनका बच्चा परीक्षाओं में सबसे अच्छा करे। यही कारण है कि पैरेंट्स अपने बच्चों पर सबसे अच्छा करने का दबाव बनाते हैं। लेकिन एक शोध में सामने आया है कि यह दबाव कई बार ज्यादा हो जाता है जो बच्चे के करियर पर विपरीत असर डालता है। इसलिए पैरेंट्स को चाहिए कि परीक्षाओं और रिजल्ट के दौरान बच्चों पर किसी प्रकार का अनावश्यक दबाव न बनाएं।
मई-जून में बच्चों का रखें ध्यान
मई-जून का महीना रिजल्ट के नाम रहता है। वर्षभर की मेहनत का फल बच्चों के सामने आने वाला होता है। ऐसे में तनाव होना स्वभाविक है। कई बार यह तनाव जानलेवा भी हो जाता है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वो हर हाल में अपने बच्चे के साथ खड़े हों।
मनोवैज्ञानिक डॉ. हेमा खन्ना कहती हैं कि रिजल्ट खराब आने पर भी बच्चों को हतोत्साहित नहीं करें। उनको आगे बेहतर करने को तैयार करें। खराब समय में माता-पिता का भावनात्मक सहारा सबसे बड़ी टॉनिक का काम करता है।
तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे बच्चों पर और दबाव बनाने की गलती न करें। बच्चों से खूब बातें करें। उनको समझाएं कि कोई भी रिजल्ट जिंदगी से बड़ा नहीं होता। हार के बाद भी जीत संभव है।