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जज्बे को सलाम: कैंसर को हरा यह छात्र 12वीं में लाया 95%, लिख चुका है किताब

झारखंड के रांची के रहने वाले तुषार ऋषि ने कैंसर को हराते हुए रविवार को आए सीबीएसई की 12वीं परीक्षा परिणाम में 95 फीसद अंक लेकर आए हैं।

Madan.tiwariरांची, लाइव हिन्दुस्तानMon, 29 May 2017 01:36 PM

रांची के इस छात्र ने कैंसर को हराया, CBSE रिजल्ट में अर्जित किए 95% मार्क्स

रांची के इस छात्र ने कैंसर को हराया, CBSE रिजल्ट में अर्जित किए 95% मार्क्स1 / 2

झारखंड के रांची के रहने वाले तुषार ऋषि ने कैंसर को हराते हुए रविवार को आए सीबीएसई की 12वीं परीक्षा परिणाम में 95 फीसद अंक लेकर आए हैं। वे 'द पेशेंट-पेशेंट' नाम से एक किताब भी लिख चुके हैं। तुषार को हर तीसरे महीने दिल्ली आकर एम्स अस्पताल में चेकअप कराना होता है। उन्होंने बिना किसी कोचिंग की सुविधा लिए हुए 95% अंक अर्जित किए हैं। तुषार को अंग्रेजी में 95, फिजिक्स में 95, गणित में 93, कंप्यूटर में 89 और आर्ट्स में 100 नंबर मिले हैं।

रिजल्ट घोषित होने के बाद काफी खुश नजर आने वाले तुषार ने बताया कि वे इलाज के बाद काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं चेकअप और तमाम इलाज के बाद काफी खुश और पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं। लेकिन मुझे हर तीसरे और चौथे महीने अपने चेकअप के लिए दिल्ली में एम्स अस्पताल जाना पड़ता है।' तुषार का मानना है कि लगातार पढ़ाई करने से एग्जाम के समय प्रेशर कम होता है।

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रांची के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में पढ़ने वाले 19 वर्षीय तुषार की जिंदगी आसान नहीं रही। उनका संघर्ष 2014 में शुरू हुआ जब उन्हें कैंसर के बारे में पता चला। इसके बाद वे दसवीं बोर्ड की परीक्षा में भी शामिल नहीं हो सके। तुषार ने आगे कहा कि तकरीबन 11 महीने तक मेरी कीमोथेरपी चली। इस इलाज ने मुझमें काफी बदलाव ला दिया था लेकिन मैंने पढ़ाई पर फोकस जारी रखा। 

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बता दें कि 2015 में कीमोथेरपी से लौटने के बाद तुषार ने 10 सीजीपीए प्राप्त किए। उनका कहना है कि अन्य साइंस छात्रों की तरह वे इंजीनियरिंग नहीं करना चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी या इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन करें। अगली स्लाइड में पढ़ें: 'तुषार की मां हैं प्रोफेसर'

बेटे की उपलब्धि पर मां ऋतु ने ये कहा

बेटे की उपलब्धि पर मां ऋतु ने ये कहा2 / 2

कैंसर को मात देकर 95% नंबर लाने वाले तुषार की उपलब्धि पर मां ऋतु भी काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि उनका बेटा पूरी तरह से स्कूल की पढ़ाई पर निर्भर था। वह ट्यूशन नहीं गया। मैं इस समय काफी खुश हूं। मैंने उसे कैंसर से लड़ते और जीतते हुए देखा है। उम्मीद है कि वह हमेशा स्वस्थ्य रहेगा।

किताब भी लिख चुका है तुषार

तुषार ने बताया कि वह एक किताब भी लिख चुका है। उसने कहा, 'मैंने द पेशेंट पेशेंट' नाम की एक किताब लिखी है। इसमें कम उम्र में कैंसर से जूझ रहे मेरी कहानी है। यह किताब ऑनलाइन अमेजन पर भी उपलब्ध है।'