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बदलावों के बीच अवसरों की तलाश

तकनीकी विकास से कार्यक्षमता में तेजी तो आई है, पर बदली कार्यशैली ने पेशेवरों के सामने नई तरह की चुनौतियां पेश की हैं। नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ने के इच्छुक युवाओं की चुनौतियों और उनके  लिए अवसरों...

बदलावों के बीच अवसरों की तलाश
अभिषेक नागरThu, 20 Jul 2017 01:11 AM
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तकनीकी विकास से कार्यक्षमता में तेजी तो आई है, पर बदली कार्यशैली ने पेशेवरों के सामने नई तरह की चुनौतियां पेश की हैं। नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ने के इच्छुक युवाओं की चुनौतियों और उनके  लिए अवसरों के  बारे में बता रहे हैं अभिषेक नागर

लगभग दस साल पहले आईटी, कंप्यूटिंग के क्षेत्र में नई तकनीकों के आने से नौकरियों और कार्यशैली में बदलाव आने शुरू हुए थे। 10-5 साल पहले एप डेवलपर, सोशल मीडिया मैनेजर, बिग डाटा एनालिस्ट या डाटा साइंटिस्ट, यूट्यूब कन्टेंट क्रिएटर्स जैसे पेशेवर वजूद में नहीं थे, लेकिन आज इनकी काफी मांग है। ऐसा ही एक अनुमान है कि 65 फीसदी छात्र, जो अभी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, अंतत: ऐसे पेशों के लिए चुने जाएंगे जो अभी हमारे अनुमान के दायरे में नहीं हैं। जेनेटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, 3डी प्रिंटिंग, क्लाउड कम्यूटिंग आदि कई नई तकनीकों में हो रहे विकास हमें इन बदलावों की ओर तेजी से ले जा रहे हैं। 

कार्य प्रणाली में हो रहे हैं बदलाव
आज दफ्तरों के ज्यादातर प्रोजेक्ट कॉन्ट्रेक्ट के जरिये कराये जा रहे हैं। बाहर से कन्सल्टेंट की सेवाएं ली जा रही हैं। कंपनियां कुछ ही कार्यों के लिए स्थाई कर्मचारी रख रही हैं। स्टार्टअप ल्यूसीडस के वाइस प्रेसीडेंट राहुल त्यागी का कहना है कि जहां पहले एंड्रॉयड, वेब एप्लिकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में एक ही पेशेवर काम कर रहा था, अब हर सिस्टम के लिए अलग-अलग विशेषज्ञों की सेवाएं ली जा रही हैं।  

आज क्लाउड तकनीक और मोबाइल इंटरनेट ने खास किस्म की सेवा प्रणाली को विकसित किया है, जिसने ऑनलाइन प्रतिभा मंच और वर्चुअल टीम के सिद्धांत को जन्म दिया है। आज कन्टेंट राइटर्स, सेल्स एंड मार्केटिंग से लेकर कानून और इंजीनियरिंग तक की सेवाएं विश्वभर में फैले क्लाइंट को ऑनलाइन दी जा रही हैं।

पेशे से सॉफ्वेयर इंजीनियर आकाश कुमार शर्मा बीते 3 सालों से ऑनलाइन फ्रीलांसर के तौर पर काम कर रहे हैं। वे बताते हैं कि इस तरह काम करना कंपनी की 9-5 बजे की कार्य-सीमा से बांधे नहीं रखता। अच्छी कमाई होती है और क्लाइंट्स के जरिये नई तकनीकों को जानने का मौका भी मिलता है। 

आपके लिए भी है यह मंच
भारत में ऑनलाइन फ्रीलांसिग का क्षेत्र तेजी से उभर रहा है। आईटी, सॉफ्टवेयर, इंजीनियरिंग, डिजाइन, आर्ट एंड मल्टीमीडिया, ट्रांसलेशन, सेल्स एंड मार्केटिंग क्षेत्र के पेशेवर इन प्लेटफॉर्म के जरिये विश्वभर के क्लाइंट्स को अपनी ऑनलाइन सेवाएं दे सकते हैं। कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे upwork.com, guru.com, freelancer.com, pph.com, fiverr.com के जरिये आप फ्रीलांसिंग का काम पा सकते हैं। भारत में भी ऐसे ही कुछ प्लेटफॉर्म विकसित हो रहे हैं, जैसे truelancer.com। हालांकि भारत में इस समय अमेरिका की तरह कोई फ्रीलांसिंग यूनियन नहीं है, जो फ्रीलांसर के अधिकारों का ध्यान रखती हो। 

इन क्षेत्रों के पेशेवरों की बढ़ी है मांग
डाटा एनालिस्ट, सॉफ्टवेयर और एप डेवलपर्स इस समय आकर्षक पेशों में शुमार हैं। इनकी मांग आईटी के अलावा फाइनेंशियल सर्विसेज, इन्वेस्टमेंट बैकिंग, मीडिया, एन्टरटेन्मेंट और इन्फॉर्मेशन के क्षेत्र में होगी।  

डाटा एनालिस्ट
एक अनुमान के मुताबिक अगले तीन सालों में 2 लाख से ज्यादा डाटा एनालिस्ट के लिए रोजगार पैदा होंगे।  इसमें करियर के लिए डाटा की गहरी समझ के साथ डेटाबेस लैंग्वेज जैसे SQL, MySQL, बिग डेटा टूल्स जैसे  Hive या  Pig, R या  Python लैंग्वेज, मशीन लर्निंग टूल और टेक्नीक्स की गहरी समझ होनी चाहिए।

इसमें प्रशिक्षण पाने के लिए आप ऑनलाइन डिजिटल विद्या का डाटा एनालेटिक्स सर्टिफिकेशन कोर्स (https://goo.gl/xYov5x) कर सकते हैं।  

मैटीरियल स्पेशलिस्ट
मैटीरियल स्पेशलिस्ट तत्वों के विकास, चुनाव और जांच का कार्य देखते हैं। मैन्युफैक्चरिंग और आर्किटेक्चर से जुड़ी कंपनियों में होंगे अवसर। 

कहां से पाएं प्रशिक्षण
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैटीरियल मैनेजमेंट (iimm.org) संस्थान इंडस्ट्री की मांग के अनुसार कोर्सेज और प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है।  

बायोकेमिकल स्पेशियलिस्ट
इस क्षेत्र के पेशेवर फार्मा, प्लास्टिक व पोलीमर, बायोफ्यूल्स के क्षेत्रों में अपना योगदान देते हैं। इसके विशेषज्ञ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद ज्यादातर सरकारी और कॉर्पोरेट क्षेत्र की प्रयोगशालाओं से जुड़ जाते हैं। इनकी नियोक्ता कंपनियों की सूची काफी लंबी है। देश के लगभग सभी शीर्ष संस्थानों से इसकी पढ़ाई की जा सकती है।

जियोस्पेशियल इन्फॉर्मेशन सिस्टम एक्सपर्ट
ये गूगल मैप, सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम या जीपीएस जैसी तकनीक के विशेषज्ञ होते हैं। यह क्षेत्र अभी उभर रहा है। इसमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में अवसर मिलेंगे। इंजीनियरिंग व आईटी क्षेत्र के पेशेवर इसमें प्रवेश पा सकते हैं।  इनके अलावा नैनोटेक्नोलॉजिस्ट, रोबोटिक्स इंजीनियर आज के उभरते हुए तकनीकी पेशेवर हैं।
(हमारे विशेषज्ञ : रवि विरमानी, क्रेडिहेल्थ के संस्थापक व प्रबंध निदेशक, राहुल त्यागी, ल्यूसीडस के सह संस्थापक) 

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