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मोबाइल गेमिंग में बनाएं उज्ज्वल भविष्य

आज जब मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, मोबाइल गेमिंग का बाजार बहुत तेज गति से फल-फूल रहा है। केवल भारत में 32 करोड़ 50 लाख मोबाइल उपभोक्ता हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।...

मोबाइल गेमिंग में बनाएं उज्ज्वल भविष्य
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली Mon, 25 Sep 2017 04:50 PM
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आज जब मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, मोबाइल गेमिंग का बाजार बहुत तेज गति से फल-फूल रहा है। केवल भारत में 32 करोड़ 50 लाख मोबाइल उपभोक्ता हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। युवा बाजार में उपलब्ध सबसे बढि़या उपकरण अपने पास रखना चाहते हैं, ताकि अन्य सुविधाओं के साथ-साथ मोबाइल गेमिंग का मजा भी लिया जा सके। लिहाजा आज मोबाइल गेम खेलने वालों की एक बड़ी संख्या मौजूद है, जिससे मोबाइल गेम बनाने वालों के लिए एक विशाल उपभोक्ता वर्ग निर्मित हो चुका है।


आवश्यकताएं
गेमिंग उद्योग में अत्यंत कुशल (डिजाइन) पेशेवरों की जरूरत होती है। एनिमेशन, पिक्सेल आर्ट, कैरेक्टर डिजाइन, 3-डी मैक्स, फ्लैश और दूसरे डिजाइन सॉफ्टवेयर की अच्छी जानकारी अत्यंत जरूरी है। इंडिया गेम्स, ध्रुव इंटरेक्टिव्स, जपक, जम्प गेम्स, गेम्स2विन, हंगामा, मौज आदि कंपनियां इस उद्योग की बड़ी खिलाड़ी हैं। हालांकि, ओनिक्स, हैंडीगो, आइ्त्रिरओन जैसी कंपनियों ने प्रतियोगिता का स्तर काफी बढ़ा दिया है, जिस वजह से हर कंपनी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को विवश हो गई है।


तीन भाग में होगा काम
एक गेम के विकास चक्र में परिकल्पना, लेखन, प्रोग्रामिंग, कैरेक्टर डिजाइनिंग और एनिमेशन, लेवल निर्माण और जांच शामिल होती है। यह चक्र तीन भागों- प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और जांच में विभाजित         होता है।
1.   प्री-प्रोडक्शन में परिकल्पना आर्ट, गेम डिजाइन और गेम की डायनेमिक्स शामिल होती है।
2.   प्रोडक्शन में फाइनल परिकल्पना आर्ट, मॉडलिंग, एनिमेशन और प्रोग्रामिंग शामिल होती है।
3.   टैस्टिंग मोबाइल गेम बनाने वालों के लिए एक महत्त्वपूर्ण काम होता है। फॉर्मेट, प्लेटफॉर्म, कॅरियर और हैंडसेट की एक विशाल रेंज होती है, जिसके लिए गेम की टैस्टिंग की जानी होती है।


क्रिएटिविटी से चलेगा काम
जॉब प्रोफाइल किसी भी मायने में आसान नहीं होता और इसके लिए जबर्दस्त तकनीकी जानकारी और रचनात्मकता की आवश्यकता होती है। हालांकि, मोबाइल गेम, एप्लिकेशन और यूआई डिजाइन में हमेशा दिलचस्पी रखने वाले आदमी के लिए इससे अच्छा कुछ भी नहीं हो सकता कि वह अपने शौक को अपने पेशे में बदल दे।


योग्यता
वर्तमान में बहुत सारे संस्थानों ने गेमिंग में कोर्स शुरू किए हैं। डब्ल्यूएलसी कॉलेज इंडिया की नेशनल एकेडमिक हैड (डिजाइन) दीप्ति बावेजा के अनुसार मोबाइल गेमिंग में कॅरियर बनाने के लिए एडवर्टाइजिंग एंड ग्राफिक डिजाइन या विजुअल कम्युनिकेशन में कोर्स से शुरुआत कर सकते हैं और इसके बाद मोबाइल गेमिंग में स्पेशलाइजेशन प्राप्त कर सकते हैं। इस कोर्स से एडवांस टाइपोग्राफी डिजाइन, फिल्मों के लिए एनिमेशन तकनीक और थ्री-डी मैक्स सीखने के काबिल बना जा सकता है। बाद में ग्राफिक डिजाइनिंग, स्टोरी बोर्डिंग, आइडिया जेनरेशन, हैंड स्किल और एनिमेशन के साथ कार्यकुशलता को बढ़ाया जा सकता है। 


कोर्स की अवधि
आज जरूरत 1 से 2 साल के ऐसे कोर्स लाने की है, जिनमें इलस्ट्रेशन, मानव शरीर रचना, एनिमेशन, कैरेक्टर डिजाइन, कॉन्सेप्ट आर्ट और गेम डिजाइनिंग से जुड़े दूसरे आर्ट वर्क जैसे क्षेत्र शामिल हों। 


अपार संभावनाएं
इस इंडस्ट्री में रोजगार की संभावनाएं बहुत व्यापक हैं। जो लोग वायरलेस इंडस्ट्री में अपना कॅरियर शुरू करना चाहते हैं, वे मोबाइल कंपनियों में क्रिएटिव हेड (गेम प्रोड्यूसर/ गेम डेवलपर/ गेम डिजाइनर/ गेम आर्टिस्ट/ कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट/ पिक्सेल आर्टिस्ट/ ग्राफिक डिजाइनर आदि), प्रोग्रामर (टीम लीडर/ गेम प्रोग्रामर/ जे2एमई/ डॉट नेट/ सी++ प्रोफेशनल आदि) और मार्केटिंग या उनकी मैनेजमेंट टीम (एचआर/ फाइनेंस आदि विभाग) में ज्वॉइन कर सकते हैं। गेम डिजाइनिंग के छात्र भी गेम डिजाइनर, थ्री डी आर्टिस्ट, मॉडलर्स, कैरेक्टर एनिमेटर, टेक्सचर आर्टिस्ट, आर्ट्स लीड के रूप में काम कर सकते हैं।


सैलरी 
देश में गेमिंग की दुनिया में 2डी और 3डी डेवलपमेंट प्रोफेशनल्स की मांग है इस हाइटेक गेम वर्ल्ड में शुरुआती दौर में ही आपकी सैलरी 2 लाख सालाना हो सकती है।

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