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ग्लैमर के साथ करियर भी: म्यूजिक, डांस और ड्रामा में बनाना है करियर तो पढ़ें इसे

परफॉर्मिंग आर्ट का अर्थ है प्रदर्शित की जाने वाली कला यानी जिसमें कलाकार अपने शरीर और चेहरे के हावभावों का इस्तेमाल कर कला का प्रदर्शन करता है। परफॉर्मिंग आट्र्स में मुख्य रूप से तीन क्षेत्र शामिल...

ग्लैमर के साथ करियर भी: म्यूजिक, डांस और ड्रामा में बनाना है करियर तो पढ़ें इसे
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली,Thu, 25 May 2017 08:01 PM
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परफॉर्मिंग आर्ट का अर्थ है प्रदर्शित की जाने वाली कला यानी जिसमें कलाकार अपने शरीर और चेहरे के हावभावों का इस्तेमाल कर कला का प्रदर्शन करता है। परफॉर्मिंग आट्र्स में मुख्य रूप से तीन क्षेत्र शामिल हैं- म्यूजिक, डांस और ड्रामा। म्यूजिक का संबंध गायन, गीत लिखने और वाद्ययंत्र बजाने से है। ड्रामा में संवाद, संकेत, हावभाव के जरिये कहानी या विचारों को प्रस्तुत किया जाता है। डांस को ड्रामा और म्यूजिक का मिला-जुला रूप माना जाता है। इसमें कलाकार को किसी संगीत या गाने पर शारीरिक मुद्राओं व भाव-भंगिमाओं के जरिये प्रस्तुति देनी होती है। 

शैक्षणिक योग्यता
देशभर के कई संस्थानों और  विश्वविद्यालयों में परफॉर्मिंग आट्र्स से संबंधित कोर्स उपलब्ध हैं। यह कोर्स विभिन्न स्तरों (सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर, पीजी डिप्लोमा) पर किए जा सकते हैं। आप दसवीं के बाद सर्टिफिकेट, बारहवीं के बाद यूजी डिप्लोमा या बैचलर और बैचलर के बाद मास्टर या पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। कुछ संस्थानों में इस कोर्स में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा या कला प्रदर्शन से गुजरना होता है। 

अनौपचारिक रूप से भी प्रवेश संभव
इस क्षेत्र से जुड़ने के दो तरीके हैं। पहला है औपचारिक यानी इस क्षेत्र से संबंधित कोर्स करके यहां कदम रखा जा सकता है। दूसरा तरीका अनौपचारिक है यानी म्यूजिक, डांस और ड्रामा के किसी समूह से जुड़ कर इस क्षेत्र में आ सकते हैं।  

जरूरी विशेषताएं
इन तीनों क्षेत्रों के लिए एक समान गुणों की आवश्यकता होती है, जैसे- रचनात्मकता, टीम वर्क, भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता, काल्पनिकता, शारीरिक क्षमता, विनम्रता और पारस्परिक संवाद कौशल होना जरूरी है। म्यूजिक के लिए आवाज में दम और सुर-ताल का ज्ञान होना अनिवार्य है, जबकि डांस और ड्रामा क्षेत्र के लिए शारीरिक मुद्राओं और हावभावों से स्वयं को अभिव्यक्त करने का कौशल होना चाहिए।  

यहां हैं अवसर
वर्तमान में इन तीनों क्षेत्रों के कलाकारों की मांग बढ़ गई है। अगर आप ड्रामा से जुड़े हैं तो टीवी पर प्रदर्शित होने वाले धारावाहिकों, फिल्म व थियेटर में काम पा सकते हैं। डांस से जुड़े लोग फिल्म व टीवी में कोरियोग्राफर के सहायक बन सकते हैं या फिर सांस्कृतिक केंद्रों से जुड़ सकते हैं। म्यूजिक क्षेत्र के लोग म्यूजिक कम्पोजर, प्लेबैक सिंगर और म्यूजिशियन के रूप में अपना करियर बना सकते हैं। 

इनमें कर सकते हैं स्पेशलाइजेशन
वोकल म्यूजिक, इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक, म्यूजिक हिस्ट्री एंड कम्पोजिशन, जैज एंड मॉडर्न डांस, ऑडिशनिंग एंड स्टेज फरफॉर्मेंस, थियेटर एक्टिंग आदि।  

प्रमुख संस्थान व उनकी वेबसाइट 
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (फैकल्टी ऑफ परफॉर्मिंग आट्र्स)
वेबसाइट 

http://bvuniversity.edu.in
सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आट्र्स)
वेबसाइट 

http://www.unipune.ac.in
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा 
वेबसाइट 

http://nsd.gov.in
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय
वेबसाइट 

http://iksvv.com
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट 
ऑफ इंडिया
वेबसाइट
 
http://www.ftiindia.com
एमिटी स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आट्र्स
वेबसाइट 

http://www.amity.edu
गंधर्व महाविद्यालय
वेबसाइट 

gandharvamahavidyalayanewdelhi.org

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