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इनसे सीखें: गांव के लड़के ने 10 रुपए से शुरू किया बिजनेस, बना नामी कंपनी का CEO

असम के शिवसागर जिले के एक छोटे से गांव का लड़का आज हजारों लोगों के लिए रोल मॉडल बन गया है। कभी अवस

Alakhaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली Mon, 21 Aug 2017 06:06 PM

मां की याद में चुनी कामयाबी की राह

मां की याद में चुनी कामयाबी की राह1 / 2

असम के शिवसागर जिले के एक छोटे से गांव का लड़का आज हजारों लोगों के लिए रोल मॉडल बन गया है। कभी अवसाद और अकेलापन का शिकार रहे हिरण्यमोय गोगोई ने जीविका के लिए 10 रुपए से अपना बिजनेस शुरू किया था। लेकिन आज उसकी सफलता की हर तरफ चर्चा है।

गोगोई जब 15 साल के थे उनके भाई की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इससे पहले कई साल से बीमार उनकी मां का 2012 में ही निधन हो गया था। इन घटनाओं ने गोगोई को झकझोर कर रख दिया और वह इस दुनिया में खुद को अकेला महसूस करने लगे। उनके पिता काफी दिक्कतों का सामना करने के बाद एक तलाकशुदा महिला से शादी कर ली। हिरण्यमोय ने काफी समय तो इस दूसरी मां को अपनी मां मानने की कोशिश करता रहा है लेकिन बाद में पता चला कि मां तो सिर्फ मां ही हो सकती है।

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गोगोई काफी दिन तक चिंतन मनन में डूबा रहा और फिर निर्णय लिया वह अपनी जिंदगी को यूं ही व्यर्थ नहीं जाने देंगे। एक दिन उनके मन मं 'गांव का खाना' नाम की वेबसाइट बनाने का आइडिया आया। आज 21 साल की उम्र में ही हिरण्यमोय एक सफल कारोबारी के रूप में उभरा है।

आगे पढ़ें 10 रुपए से कैसे शुरू किया बिजनेस-

मां की याद में महिलाओं की मदद का जुनून

मां की याद में महिलाओं की मदद का जुनून2 / 2

2016 में गोगोई ने 10 रुपए से अपना बिजनेस शुरू किया था। उसके पास शुरू में एक गैस सिलिंडर और एक स्टोव ही था। गोगोई पहले घर में खाना बनाकर शहर में लोगों को खाना पहुंचाता और फिर शहर में ही गांव का खाना बनाना शुरू कर दिया। धीरे धीरे धंधे मे जब फायदा होने लगा तो उसे अपने बिजने को ऑनलाइन करने का आइडिया आया। उन्होंने इसके बाद गांव का खाना नाम से मोबाइल एप तैयार कराया जिसकी मदद से शहर के लोग शुद्ध और ऑर्गैनिक खाना सीधे गांवों से मंगा सकते हैँ।

गोगोई को सरकार द्वारा इन्टरप्रिन्योर अवार्ड 2017 से भी नवाजा गया है जो कि छोटे छोटे और उभरते हुए बिजनेस के लिए दिया जाता है। गोगोई के 'गांव का खाना' से किसानों को भी जोड़ा गया है। इसकी मदद से किसान अपनी केमिकल रिहत सब्जियां सीधे ग्राहकों को बेच सकते हैं। लोग एप में जाकर इलाके और वहां पर मौजूद किसान का नंबर पा सकते हैं और अपना ऑर्डर बुक कराकर जरूरी सब्जी या अन्य चीज मंगा सकते हैं। किसानों से इस एवज में सिर्फ एक रुपए महीने की फीस ली जाती है।

मां की याद में महिलाओं की मदद-
गोगाई ने मीडिया को बताया कि वह अपनी मां की याद में कुछ ऐसा करना चाहता है कि जिन पिरस्थितियों में उनकी मां का निधन हुआ वैसे किसी और महिला को न देखना पड़े। 'गांव का खाना' आइडिया का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं और किसानों को रोजगार देना भी है।

एक वेबसाइट के मुताबिक न्यूगटेक नाम की मल्टी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने हिरण्यमोय गोगोई को अपनी कंपनी का सीईओ नियुक्त किया है। जो कि गोगाई सबसे कम उम्र के सीईओ बनने वालों में शामिल हो गए हैं।