Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Govt's gold schemes fail to attract people due to lack of awareness

सरकार की स्वर्ण योजना के बारे में हजार में केवल 5 लोगों को जानकारी

सरकार की सोने में निवेश को लेकर शुरू की गई विभिन्न प्रकार की योजनायें आम जनता का ध्यान खींचने में असफल रहीं हैं। एक शोध संस्थान द्वारा किये गए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है। इसके मुताबिक एक...

एजेंसियां अहमदाबादTue, 16 May 2017 11:23 PM
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सरकार की सोने में निवेश को लेकर शुरू की गई विभिन्न प्रकार की योजनायें आम जनता का ध्यान खींचने में असफल रहीं हैं। एक शोध संस्थान द्वारा किये गए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है। इसके मुताबिक एक हजार लोगों में महज पांच को ही इनके बारे में जानकारी है। 

इंस्टीट्यूट फॉर फाइनेंसियल मैनेजमेंट एंड रिसर्च (आईएफएमआर) के शोधकतार्ओं ने यह अध्ययन किया है। इसके लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के भारत स्वर्ण नीति केन्द्र (आईजीपीसी) ने वित्तपोषण उपलब्ध कराया है। देश के चार जिलों महाराष्ट्र में कोल्हापुर, तमिलनाडु में कोयंबटूर, पश्चिम बंगाल में हुगली और उत्तर प्रदेश में सहारनपुर में एक हजार लोगों के बीच यह अध्ययन किया गया।

आईजीपीसी के प्रमुख प्रोफेसर अरविंद सहाय ने यह जानकारी दी। सरकार ने सोने की भौतिक मांग को कम करने के लिए इससे जुड़ी कई निवेश योजनाएं शुरू की हैं। स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, सावरेन गोल्ड बॉन्ड योजना और स्वर्ण सिक्का योजना जैसी कई योजनायें शुरू की गई हैं। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि लोग इन योजनाओं में निवेश के इच्छुक हैं लेकिन उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है। 

इन योजनाओं को पेश करने के पीछे सरकार का मकसद सोने की भौतिक मांग को कम करना है ताकि सोने के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा को बचाया जा सके और घरों में रखे सोने को इस्तेमाल में जाया जा सके। देश में हर साल करीब 800 से एक हजार टन सोना आयात किया जाता है। जबकि दूसरी तरफ करीब 15,000 टन सोना आभूषण और विभिन्न रूपों में घरों में पड़ा हुआ है। सहाय ने कहा कि इसके लिए विपणन प्रयासों को तेज करने के साथ बैंकों को स्वर्ण ऋण के लिए प्रेरित करना होगा।  

क्या है स्वर्ण बॉन्डः यह सोने में निवेश का नया विकल्प है। इसकी खरीद शेयरों की तरह यूनिट में की जाती है। न्यूनतम एक ग्राम सोने के मूल्य के बराबर बॉन्ड खरीद सकते हैं। इसपर सालाना 2.50 फीसदी ब्याज भी मिलता है।


स्वर्ण मौद्रीकरणः न्यूनतम 30 ग्राम सोना बैंकों में जमा कर ब्याज कमा सकते हैं। इसकी परिपक्वता अवधि एक से 15 साल है। इसपर ब्याज 2.50 फीसदी तक सालाना है। इसमें सोने के बदले सोना या राशि लेने का विकल्प है।

भारतीय स्वर्ण सिक्काः पहली बार सरकारी स्तर पर सोने का सिक्का जारी किया गया। यह 24 कैरेट शुद्धता और बीआईएस के हॉलमार्क के साथ उपलब्ध है। यह पांच और 10 ग्राम वजन में है। सरकारी कंपनी एमएमटीसी इसकी खरीद-बिक्री करती है।

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