LPG उत्पादन, वितरण नेटवर्क विस्तार में 30,000 करोड़ रुपये का होगा निवेश
सरकार की अगले तीन साल में एलपीजी उत्पादन व वितरण नेटवर्क के विस्तार में लगभग 30,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संवाददाताओं को आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा...
सरकार की अगले तीन साल में एलपीजी उत्पादन व वितरण नेटवर्क के विस्तार में लगभग 30,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संवाददाताओं को आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2017 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान रिकार्ड 3.45 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं जिनमें से 2.2 करोड़ नि:शुल्क कनेक्शन गरीब महिलाओं को प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि बीते तीन साल में छह करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए और अब 72.84 प्रतिशत जनता तक एलपीजी की पहुंच हो गई है। उन्होंने कहा कि मई 2014 में जब राजग सरकार सत्ता में आई तो एलपीजी कवरेज 50 प्रतिशत से कुछ अधिक थी।
सरकार रसोई में लकड़ी व तरल ईंधन का इस्तेमाल घटाना चाहती है इसलिए एलपीजी का उपयोग बढाने पर जोर दे रही है। एलपीजी के इस्तेमाल से पयार्वरण को ही मदद नहीं मिलती बल्कि इससे उत्पादकता बढ़ती है और स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान में भी कमी आती है। प्रधान ने कहा, जब हमने कायार्लय संभाला तो लगभग 14 करोड़ सक्रिय एलपीजी कनेक्शन थे। तीन साल में यह संख्या बढ़कर 20.08 करोड़ हो गई है। एलपीजी कनेक्शनों की संख्या में बढोतरी का एक मुख्य कारण प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना है जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए जाते हैं। इस योजना
में 1600 रुपये की कनेक्शन लागत सरकार वहन करती है।
प्रधान ने कहा, पीएमयूवाई की शुरआत एक मई 2016 को हुई। इसके तहत तीन साल में पांच करोड़ कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया था। पहले साल का लक्ष्य 1.5 करोड़ का था लेकिन हमने पहले साल में 2.2 करोड़ कनेक्शन दिए। प्रधान ने कहा कि उनका मंत्रालय नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य बढाना चाहता है लेकिन इस बारे में कोई फैसला वित्त मंत्रालय के साथ परामर्श के बाद ही किया जाएगा। पांच करोड़ कनेक्शन के लिए 8,000 करोड़ रपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि शुरू में पीएमयूवाई योजना के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे कम एलपीजी कवरेज वाले राज्यों को रखा गया।
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