बाढ़ की चेतावनी
नेपाल बाढ़ के लिहाज से काफी संवेदनशील देश है और हर साल अचानक आई बाढ़ की वजह से इंसानी जिंदगी को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, अरबों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो जाती है सो अलग। इसलिए आधुनिक मौसम-आधारित बाढ़...
नेपाल बाढ़ के लिहाज से काफी संवेदनशील देश है और हर साल अचानक आई बाढ़ की वजह से इंसानी जिंदगी को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, अरबों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो जाती है सो अलग। इसलिए आधुनिक मौसम-आधारित बाढ़ चेतावनी सिस्टम से हम काफी लाभ उठा सकते हैं। इस तरह की प्रणाली हमारे लिए एक बड़ी जरूरत बन गई है, इसलिए इसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए। दरअसल, यह चेतावनी सिस्टम वक्त रहते आगाह कर देता है, जिससे बाढ़ के विकराल रूप धारण करने से पहले ही बचाव के कदम उठाने का वक्त मिल जाता है। हाइड्रोलॉजी ऐंड मेटरोलॉजी विभाग के लिए बाढ़ जैसी आपदा के संदर्भ में कुछ करने का सबसे उचित समय है। और अंतत: उसने बाढ़ चेतावनी प्रणाली की जांच शुरू कर दी है। यह चेतावनी प्रणाली तमाम नदियों के किनारे लगाई जानी चाहिए, ताकि 72 घंटे की संक्षिप्त अवधि की मौसम की भविष्यवाणी वाली व्यवस्था काम कर सके। हमें आधुनिक से आधुनिक उपकरणों की सख्त जरूरत है। एक ऐसे वक्त में, जब मौसम की भविष्यवाणी सौ फीसदी दुरुस्त की जा रही है, नेपाल को भी आधुनिकतम उपकरणों को हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर हम ऐसे उपकरणों को हासिल कर सकते हैं, तो आसानी से यह अंदाजा लगा सकते हैं कि बाढ़ के कब और किस तरफ आने की आशंका है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ जांचों के बाद नेपाल एक अति-आधुनिक मौसम संबंधी भविष्यवाणी प्रणाली भी लॉन्च करेगा। दरअसल, रडार और रेडियोसोंडे बैलून बादलों के बनने की स्थिति के आधार पर यह सूचना देते हैं कि कितनी मात्रा में कहां पर और किस समय बारिश होगी। अभी तक सिर्फ मौसम विभाग ही देश भर के क्षेत्रीय दफ्तरों से बाढ़ संबंधी डाटा जुटाता रहा है। लेकिन आसन्न बाढ़ की आपात चेतावनी जारी करने के लिए विभिन्न चैनलों को सचेत रहना चाहिए। चूंकि हमारे पास चेतावनी सिस्टम नहीं था, हमने इसका काफी खामियाजा उठाया है। अब हमें मौजूदा तंत्र की जगह सटीक भविष्यवाणी करने वाले आधुनिक तंत्र को अपनाना होगा। इसमें कोई हीला-हवाली नहीं होनी चाहिए।