फोटो गैलरी

इशाक डार से आगे

ऐसे समय में, जब वित्त मंत्री इशाक डार को नवाज शरीफ के साथ-साथ कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, यह स्वाभाविक है कि वाले दिनों में उन्हें मुश्किल सवालों से टकराना पडे़गा। हालांकि इधर उन्होंने...

इशाक डार से आगे
डॉन, पाकिस्तानFri, 22 Sep 2017 11:22 PM
ऐप पर पढ़ें

ऐसे समय में, जब वित्त मंत्री इशाक डार को नवाज शरीफ के साथ-साथ कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, यह स्वाभाविक है कि वाले दिनों में उन्हें मुश्किल सवालों से टकराना पडे़गा। हालांकि इधर उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन यह निष्कर्ष गलत न होगा कि वह राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की कार्रवाई को राजनीति प्रेरित और बदले का मामला कहें। मरियम नवाज के इस मामले को इसी रूप में देखने के बाद कोई कारण नहीं है कि डार उनकी बात से नाइत्तफाकी रखें। राजनीतिक घटनाक्रम कुछ भी हो, एक बात साफ है कि इशाक डार को अब वित्त मंत्री पद तो छोड़ना ही होगा। महज इसलिए नहीं कि वह कानूनी दांव-पेच में उलझे हैं, बल्कि ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि उनमें यह स्वीकार करने की क्षमता है कि देश की अर्थव्यवस्था निचले स्तर पर है और तत्काल सुधार न हुआ, तो देश जल्द ही बडे़ आर्थिक संकट में फंस जाएगा। डार आर्थिक मोर्चे पर खुद को सफल मानते हैं। कुछ मामलों में वे सफल रहे भी हैं, मगर आर्थिक मोर्चे पर सब कुछ उतना उजला भी नहीं है। सच यही है कि पाकिस्तान को तत्काल एक ऐसे भविष्योन्मुखी वित्त मंत्री की जरूरत है, जो उसकी अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का काम करे। बीते चार वर्षों में अर्थव्यवस्था में दिखा बदलाव अब अलग-अलग मोर्चों पर उतार पर है। चालू खाते का घाटा बढ़ता गया है, मुद्रा भंडारण में गिरावट आई है। अर्थव्यवस्था बिगाड़ने वाली संरचनात्मक बाधाएं दूर नहीं की गईं। अब समय वास्तविकता को समझने और उसके अनुकूल आचरण करने का है। देश को अब एक ऐसे वित्त मंत्री की जरूरत है, जो अपने बचे हुए छोटे से कार्यकाल में भी अर्थव्यवस्था के नीचे जाने के कारणों की पहचान करके इसे गति देने वाली दीर्घावधि की कार्ययोजना दे सके। संक्षेप में, देश को एक ऐसा वित्त मंत्री चाहिए, जो नीतिगत बाध्यताओं के साथ चलते हुए, धीरे-धीरे आर्थिक समायोजन की दिशा में आगे बढ़े। जरूरत हो, तो कुछ दिनों के लिए विकास की कीमत पर भी। अब यह तय हो चुका है कि कम से कम डार तो वह इंसान नहीं ही हैं। सो, उन्हें अब अपना पद छोड़ ही देना चाहिए।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें