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वेस्ट इंडीज क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा संकट

इस तथ्य को याद करने के बाद कि विश्व कप इतिहास में पहले दोनों संस्करण वेस्ट इंडीज की टीम ने जीते थे, इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि वेस्ट इंडीज की टीम 2019 विश्व कप में सीधी जगह नहीं बना पाई। लगे...

वेस्ट इंडीज क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा संकट
शिवेंद्र कुमार सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकारThu, 21 Sep 2017 11:23 PM
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इस तथ्य को याद करने के बाद कि विश्व कप इतिहास में पहले दोनों संस्करण वेस्ट इंडीज की टीम ने जीते थे, इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि वेस्ट इंडीज की टीम 2019 विश्व कप में सीधी जगह नहीं बना पाई। लगे हाथ तीसरे विश्व कप को भी याद कर लेते हैं, जब 1983 में कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने बाजी पलट दी, वरना वेस्ट इंडीज की टीम विश्व कप की ‘हैट्रिक’ बनाने के इरादे से ही लॉड्र्स में उतरी थी। खैर, मौजूदा हालात ये हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हुई वनडे सीरीज के पहले ही मैच में वेस्ट इंडीज की हार के बाद यह तय हो गया कि अब उसे 2019 के विश्व कप में अगर खेलना है, तो उसे क्वालिफायर मुकाबले खेलने होंगे। 19 तारीख को खेले गए मैच में बारिश की वजह से 42 ओवरों का खेल होना था। वेस्ट इंडीज की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 42 ओवर में 204 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम ने यह लक्ष्य 31वें ओवर में ही हासिल कर लिया। इंग्लैंड की तरफ से बेयरस्टो ने शतक और जो रूट ने अद्र्धशतक जड़ा। सात विकेट से मिली इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त भी बना ली। 

आईसीसी की वनडे रैंकिंग का गणित कुछ ऐसा था कि वेस्ट इंडीज अगर इस सीरीज को 5-0 से जीत लेता, तभी 2019 के विश्व कप में उसे सीधी जगह मिलती। वेस्ट इंडीज की इस हार का फायदा श्रीलंका को मिला, उसकी टीम विश्व कप में सीधी जगह बनाने में कामयाब हो गई। वेस्ट इंडीज की टीम के पास आईसीसी वनडे रैंकिंग में कुल 78 अंक ही थे और 30 सितंबर की आखिरी तारीख तक वेस्ट इंडीज अब श्रीलंका को पीछे नहीं छोड़ सकेगी। पिछले दिनों आयरलैंड के खिलाफ वेस्ट इंडीज का मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया था। इसका नुकसान भी कैरिबियाई टीम को उठाना पड़ा। अगर उस मैच में वेस्ट इंडीज को जीत मिल जाती, तो इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में उसके ऊपर हर मैच को जीतने का दबाव नहीं रहता। हालांकि किसी भी खेल में अगर-मगर नहीं चलता। मौजूदा वक्त की कड़वी सच्चाई यह है कि क्लाइव लॉयड, गॉर्डन ग्रीनीज, विवियन रिचड्र्स, मैल्कम मार्शल, एंडी रॉबर्ट्स, जोएल गार्नर, माइकल होल्डिंग, कालीचरण और आधुनिक क्रिकेट में ब्रायन लारा जैसे महान खिलाड़ियों वाली टीम वेस्टइंडीज की हालत आज बहुत ज्यादा खराब है। वनडे क्रिकेट में पिछले डेढ़ दशक की बड़ी जीतों में वेस्ट इंडीज के पास गिनाने को सिर्फ 2004 की चैंपियन्स ट्रॉफी है, जो उसने इंग्लैंड को हराकर जीती थी। टी-20 क्रिकेट में भले ही वेस्ट इंडीज 2012 व 2016 का खिताब जीत चुका है, पर वनडे और टेस्ट, दोनों में टीम की हालत अच्छी नहीं है। अब वेस्ट इंडीज की टीम को अगले साल मार्च में क्रिकेट विश्व कप क्वालिफायर मुकाबले खेलने होंगे। इसमें कुल 10 टीमें हिस्सा लेंगी। इन 10 टीमों में से जो भी दो टीम प्वॉइंट टेबल में टॉप पर आएंगी, उन्हें 2019 के विश्व कप में खेलने का मौका मिलेगा। फिलहाल वेस्ट इंडीज के अलावा अफगानिस्तान, जिम्बॉब्वे और आयरलैंड जैसी टीमें इस रेस में होंगी। इसमें आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग चैंपियनशिप और विश्व क्रिकेट लीग की डिवीजन-2 से चुनी गई टीमें भी किस्मत आजमाएंगी।  

आज वेस्ट इंडीज की टीम की जो हालत है, उसके पीछे कई कारण हैं। दुनिया भर में बल्लेबाजों के लिए मुफीद पिच बनाए जाने की वजह से कैरिबियाई देशों में भी अब वैसे तेज गेंदबाज नहीं पैदा होते, जिनके नाम से बल्लेबाजों की नींद उड़ जाती थी। दूसरा, वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड और वहां के खिलाड़ियों में पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से विवाद चल रहा है, जिसकी शुरुआत खिलाड़ियों व बोर्ड के अलग प्रायोजक के तौर पर विरोधी कंपनियों का होना था, जिससे खिलाड़ियों व बोर्ड के हितों में सीधे टकराव हुआ था। तीसरी बड़ी वजह रही खिलाड़ियों का लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहना। कई खिलाड़ी तो ऐसे हैं, जो दूसरे देशों में खेली जाने वाली टी-20 लीग में ज्यादा नजर आते हैं। इन चुनौतियों के बीच वेस्ट इंडीज की टीम लगातार बदहाली के रास्ते पर है। नुकसान उन क्रिकेट प्रशंसकों का है, जो बढ़िया क्रिकेट देखने के लिए मैदान में पहुंचते हैं या फिर टीवी से चिपके रहते हैं। 
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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