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लंदन की धरती तक गंगा जल की हवाई यात्रा

मैं इस बार जब लंदन जा रहा था, तो इलाहाबाद से रवाना होने के पहले लंदन में रहने वाले एक मित्र का फोन आया। उनका अनुरोध था कि यदि मुझे असुविधा न हो, तो मैं लंदन में उनके साथ रह रही उनकी मां के लिए एक...

लंदन की धरती तक गंगा जल की हवाई यात्रा
महेंद्र राजा जैन, वरिष्ठ हिंदी लेखकSun, 16 Jul 2017 10:57 PM
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मैं इस बार जब लंदन जा रहा था, तो इलाहाबाद से रवाना होने के पहले लंदन में रहने वाले एक मित्र का फोन आया। उनका अनुरोध था कि यदि मुझे असुविधा न हो, तो मैं लंदन में उनके साथ रह रही उनकी मां के लिए एक शीशी में गंगा जल लेता आऊं। यह ऐसा अनुरोध था, जिस पर न कहने का सवाल ही नहीं है। मैंने अपनी यात्रा शुरू करने से पहले ही संगम से गंगा जल मंगवा लिया। पानी वैसे भी कुछ भारी होता है, इसलिए वजन कुछ कम करने के विचार से मैंने उस गंगा जल को कोका-कोला की प्लास्टिक की बोतल में इस ख्याल से भर लिया कि एयरपोर्ट पर उसे हैंड बैगेज में रख लूंगा। दिल्ली के हवाई अड्डे की सुरक्षा जांच और ‘एक्स-रे’ मशीन में मेरा हैंड बैगेज आसानी से निकल गया। मुझे लगा कि शायद सुरक्षा जांच व्यवस्था और ‘एक्स-रे’ मशीन को पता चल गया है कि उसमें पतित पावनी गंगा का पवित्र जल है। मगर तब मैंने यह नहीं सोचा था कि आगे की यात्रा में यह उतना आसान नहीं होगा। 

मुझे दिल्ली से बहरीन होते हुए लंदन जाना था। बहरीन में डेढ़ घंटे का स्टॉप था। जिस हवाई जहाज से मैंने दिल्ली से यात्रा शुरू की, उसने मुझे बहरीन में उतार दिया। अब आगे की मेरी यात्रा दूसरे हवाई जहाज से शुरू होनी थी। बहरीन में दूसरे हवाई जहाज की प्रतीक्षा करने के समय तक सभी यात्रियों को ट्रांजिट लाउंज में ही रुकना था। वहां डर था कि गंगा जल के कारण मेरा हैंड बैगेज रोक लिया जाएगा। लंदन की फ्लाइट के लिए हैंड बैगेज की जांच कराने के लिए जब मैं वहां कतार में खड़ा हुआ, तो देखा कि मेरे आगे के यात्रियों का हैंड बैगेज खोलकर बड़ी  कड़ाई से जांच की जा रही थी। यह हर कोई अच्छी तरह जानता है कि अमेरिका में नौ सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से अब सभी देशों में हवाई यात्रा में सामान ले जाने के मामले में तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। उनमें से एक यह भी है कि यात्री अपने हैंड बैगेज में किसी भी तरह के कॉस्मेटिक्स, धारदार सामान, चाकू, कैंची, शेविंग का सामान, रेजर ब्लेड, इसके अलावा किसी भी तरह का तरल पदार्थ, जूस, कोल्ड ड्रिंक, यहां तक कि पीने के लिए पानी आदि भी नहीं ले जा सकते। 

बहरीन एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी गार्ड यात्रियों के सामान में इसी तरह की चीजें देख रहे थे और कोई चीज मिलने पर उन्हें निकालकर अलग कर दे रहे थे। जाहिर है कि उन यात्रियों को आगे की यात्रा इस अलग कर दिए गए सामान के बिना ही करनी थी। हालांकि इस प्रकार की जांच दिल्ली एयरपोर्ट पर भी हो चुकी थी और हम लोग चूंकि ट्रांजिट लाउंज में थे, इसलिए इस प्रकार का कोई सामान किसी के पास होने की आशंका नहीं थी। फिर भी एहतियात के तौर पर सुरक्षा कर्मचारी अपनी ड्यूटी तो कर ही रहे थे। मेरे पास ऐसा कोई सामान नहीं था। बाद में याद आया कि कोका-कोला की बोतल में गंगा जल है। उसे ले जाने पर आपत्ति की जा सकती है, क्योंकि वह भी एक प्रकार का तरल पदार्थ ही है। और सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि विदेश में लोगों को गंगा जल के बारे में समझाना भी मुश्किल है। वे साधारण जल को तो समझते हैं, लेकिन गंगा जल को नहीं। 

मैंने देखा कि ट्रांजिट लाउंज में ही ड्यूटी फ्री दुकानें थीं और वहां से कुछ यात्रियों ने तमाम दूसरी चीजों के अलावा शराब और व्हिस्की की बोतलें भी खरीदी थीं। यह सामान ड्यूटी फ्री दुकानों के प्लास्टिक बैग में दिया जा रहा था। सुरक्षा गार्ड इन सभी थैलों की जांच किए बिना ले जाने दे रहे थे। इसलिए गंगा जल को सिक्योरिटी चेक पॉइंट से आगे हैंड बैगेज से निकाल दिए जाने के ख्याल से मैं उस कतार से बाहर निकल आया। मैं शराब नहीं पीता, पर जल्दी से ड्यूटी फ्री शॉप में जाकर अपने मित्र के लिए व्हिस्की की एक बोतल खरीद ली और उसी बैग में गंगा जल वाली कोका-कोला की बोतल डालकर फिर से सुरक्षा जांच वाली उसी कतार में लग गया। 

अब कोई खतरा नहीं था। सुरक्षा गार्ड ने भी ड्यूटी फ्री बैग खोले या जांच किए बिना उसे ‘पास’ कर दिया। लंदन पहुंचने पर हीथ्रो हवाई अड्डे पर गंगा जल की कुछ बूंदें डालकर मैंने ब्रिटेन की धरती को पवित्र करके राहत की सांस ली। भले ही मन में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कुछ संदेह बच गए थे।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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