फोटो गैलरी

भविष्य की ओर

वर्तमान हमेशा ज्यादा सुंदर होता है। इसलिए हमें वर्तमान में रहने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन इतना भर पर्याप्त नहीं। ‘क्या है देखना’ तभी शानदार होता है, जब आप साथ-साथ यह भी देख सकें कि आगे...

भविष्य की ओर
नीरज कुमार तिवारीMon, 04 Sep 2017 10:38 PM
ऐप पर पढ़ें

वर्तमान हमेशा ज्यादा सुंदर होता है। इसलिए हमें वर्तमान में रहने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन इतना भर पर्याप्त नहीं। ‘क्या है देखना’ तभी शानदार होता है, जब आप साथ-साथ यह भी देख सकें कि आगे क्या हो सकता है? देश में आईटी क्रांति लाने वाले और इन्फोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति कहते हैं- अतीत से सबक लें, वर्तमान में जिएं, लेकिन भविष्य को लेकर द्रष्टा अवश्य बनें, क्योंकि वह एक दिन आपका वर्तमान बनने वाला है। इन्फोसिस की कामयाबी बताती है कि वह कितने बड़े भविष्यद्रष्टा हैं। ऐसा नहीं कि भविष्य पर फोकस करना सिर्फ बिजनेस टायकून के लिए ही जरूरी है। यह सबके लिए अनिवार्य है। यह हमारे आने वाले वर्तमान को बेहतरीन बनाने का रास्ता खोलता है। वर्तमान अच्छा नहीं है, तो कुढ़ने भर से स्थिति नहीं बदल सकती। आज चीजें कैसी हैं, यह देखने की बजाय यह देखना जरूरी है कि वे भविष्य में कैसी हो सकती हैं?

यहां कल्पनाशक्ति जरूरी है। इससे हर चीज कीमती बन जाती है। एक बड़ा चिंतक हमेशा यह कल्पना करता है कि वह भविष्य में क्या कर सकता है। वह वर्तमान में रहता जरूर है, लेकिन उसमें उलझता नहीं। दुनिया को उन लोगों ने ही कुछ दिया, जो क्या है की तुलना में क्या हो सकता है के सू़त्र पर चलने वाले रहे। यहां पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान की बात प्रासंगिक है। 1992 के विश्व कप में शुरुआती पांच मैच में वह केवल एक जीत पाए। टीम जैसे-तैसे सेमीफाइनल में पहुंची, जहां उन्होंने अजेय रही न्यूजीलैंड टीम को हराया और फिर इंग्लैंड को फाइनल में। इमरान ने कहा था, वह हार के बाद उसका मातम नहीं मनाते, अगले मैच पर फोकस करते हैं। फिर भला कामयाबी कैसे नहीं मिलती? 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें