मनसा वाचा कर्मणा खबरें

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मन का मौन जरूरी

यदि हम कुछ भी समझना चाहते हैं, तो इसके लिए हमारे मन को शांत होना चाहिए, जबकि कोई भी समस्या हमारे सामने आती है, तो हम उसकी चिंता में डूब जाते हैं, है न? हम उसकी छान-बीन करने लगते हैं, उसके विश्लेषण...

Mon, 18 Mar 2024 10:41 PM
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यह परमात्मा कौन

ओशो जब भगवद् गीता  पर बोलते थे, तब खुले मैदान में उनके प्रवचन होते थे। हजारों की भीड़ उन्हें सुनने के लिए आती थी, क्योंकि उनके व्याख्यान इतने रोचक और सारगर्भित होते कि समाज के हर तबके के लोग उनसे...

Sun, 17 Mar 2024 10:37 PM
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संगठन से छुटकारा कहां

समाज से औपचारिकता को हटाया नहीं जा सकता। उसका अपना स्थान है। परंतु मित्र-भाव के अभाव में औपचारिकता दिखावटी होती है। औपचारिकता संपर्क को बेहतर बनाती है; मित्र-भाव अपनापन बढ़ाता है। संपर्क की तभी...

Fri, 15 Mar 2024 10:30 PM
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कैसे मिलेगी शांति 

जैसे समुद्र की सतह पर हलचल रहती है, पर नीचे गहराई में यह पूर्णत: शांत रहता है। जब आप उस गुण के साथ अच्छा तालमेल बिठा लेंगे, तभी वास्तविक शांति को जान पाएंगे। प्रेम-करुणा और क्रोध-घृणा की शक्तियां...

Thu, 14 Mar 2024 10:33 PM
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सत्संग क्यों जरूरी

एक बार मुझसे पूछा गया, ‘बाबा, बुद्धिमान मनुष्य कौन है?’ प्रश्न बहुत ही सहज है, मगर इसका रहस्य गूढ़ है। अब ध्यान से सुनो। जो कहता है कि केवल उन्हीं बातों को सुनूंगा, जिनको सुनने से मन परमपुरुष की ओर...

Wed, 13 Mar 2024 08:15 PM
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नानक का जवाब

गुरु नानक के जीवन में एक बार ऐसा हुआ कि वह जिस नगर में गए, वहां मुसलमान, जैन, बौद्ध और हिंदुओं के अनेक संत थे। वह नगर संतों से भरा हुआ था। और जब इतने संत थे, वहां संघर्ष और विवाद भी था। और एक नया...

Tue, 12 Mar 2024 11:16 PM
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ताकि मन की क्षुद्रता मिटे

हमारा मन किस चीज में व्यस्त रहता है? वह तरह-तरह की क्षुद्रताओं में व्यस्त रहता है, और एक क्षुद्र मन जब कोई श्रेष्ठ आदर्श नर्मिति कर रहा होता है, तब भी वह होता तो क्षुद्र मन ही है!  पूछा गया है...

Mon, 11 Mar 2024 10:30 PM
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मनुष्य होने की गरिमा

महादेव का प्रतीक भारतीय मनीषियों की एक अनूठी खोज है, जिसमें पूरा अंतर-विज्ञान समाया हुआ है, पर महादेव की बाह्य प्रतिमा की ही पूजा-अर्चना की जाती है, उनके गहरे रहस्यों को समझना सामान्य लोगों के बस...

Sun, 10 Mar 2024 10:52 PM
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अपना-अपना तरीका

अपनी शराफत और ईमानदारी के लिए ख्यात एक समुराई एक जेन भिक्षु के पास अपनी जिज्ञासा लेकर पहुंचा। भिक्षु उस समय प्रार्थना कर रहे थे। जब वह प्रार्थना से उठे, तो समुराई ने उनसे पूछा, ‘मैंने अनेक कमजोर...

Fri, 08 Mar 2024 09:31 PM
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शिव की शरण सबसे प्यारी

एक बार किसी साधक ने प्रश्न किया, ‘बाबा! मेरी एक आशंका दूर करें। मनुष्य को भी शिव का आशीर्वाद प्राप्त है और भूत-पिशाच भी उनके साथ रहते हैं, आखिर भगवान शिव की प्रकृति क्या है?’ व्यावहारिक जीवन में शिव..

Thu, 07 Mar 2024 09:21 PM
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कट्टर यानी सत्य का विरोधी 

तुम कहते हो कि तुम केवल सत्य चाहते हो। फिर भी तुम एक संकीर्ण और अज्ञानी कट्टरवादी के जैसा बोल रहे हो, जो उस मजहब के सिवाय, जिसमें वह पैदा हुआ, किसी अन्य चीज में यकीन करने से इनकार करता है...

Wed, 06 Mar 2024 10:56 PM
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पहले अपनी गांठें खोलिए

अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि यहां अपने जीवन को कैसे संभाला जाए? वे मृत्यु के बाद के जीवन के चक्कर में पडे़ रहते हैं। इसका फायदा क्या है? कोई भी चीज, जो आपके अनुभव में नहीं, उसे समझने और उसकी छानबीन...

Tue, 05 Mar 2024 11:22 PM
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आजादी के असली शत्रु

भारत की आत्मा पर छाए सब बोझों को उतार फेंकें, तो आप पाएंगे एक गहरी अनासक्ति और यथार्थ का गहरा भाव, जो आज भी उतना ही प्रबल और जीवंत है। आंतरिक और बाहरी स्वतंत्रता को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा...

Mon, 04 Mar 2024 09:39 PM
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ताकि निरर्थक परंपरा न बने

झेन परंपरा में बिल्लियों को बहुत मानते हैं। झेन की पूरी सिखावन और अभ्यास है- शांत व सजग रहना। अत: उनके लिए बिल्ली एक आदर्श है, क्योंकि उसका शरीर विरोधाभासों से बना है। जितना मुलायम, उतना ही...

Sun, 03 Mar 2024 11:32 PM
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कृतज्ञता का अर्थ

धन्यवाद करना अलगाव के भाव को इंगित करता है। धन्यवाद देने का अर्थ है कि सामने वाला व्यक्ति हमसे अलग है। यदि तुम गहराई से धन्यवाद देते हो, इसका अर्थ है कि तुम अलगाव को अधिक गहराई से महस...

Fri, 01 Mar 2024 11:20 PM
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दुष्टता का विनाश जरूरी

पहले हमें यह देखना चाहिए कि जीवन और संसार हैं क्या; उसके बाद हम उस रास्ते को ढूंढ़ने में लग सकते हैं, जिससे उनको उस रूप में परिवर्तित किया जा सके, जैसा उन्हें होना चाहिए।... युद्ध और विनाश हमारे जीवन..

Thu, 29 Feb 2024 10:03 PM
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डायोजनीज और सिकंदर

यूनान में एक अद्भुत संन्यासी थे डायोजनीज। बडे़ मस्त इंसान थे। बिल्कुल नग्न रहते थे। सिकंदर को भी उनसे ईष्र्या हो गई थी। एक सुबह वह उनसे मिलने पहुंचा, तो डायोजनीज की मस्ती देखकर बोला, ‘अगर मुझे...

Thu, 29 Feb 2024 12:17 AM
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मानवता न बंटने पाए

एक बार किसी शिष्य ने प्रश्न किया, जब समूची मानव जाति एक समूह है। मानवता एक ही है, तो फिर अलग-अलग पंथ क्यों? प्रश्न उसका तार्किक था। दरअसल, हमें सबसे पहले यह समझना है कि किसी भी पंथ का उद्देश्य क्या...

Tue, 27 Feb 2024 10:42 PM
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सुनेंगे नहीं, तो सीखेंगे कैसे 

ज्ञान के संचय से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है- सीखना। सीखना एक कला है। एक इलेक्ट्रॉनिक मस्तिष्क, यानी कंप्यूटर में जानकारियां भरी जा सकती हैं और फिर उसके बदले हर प्रकार की सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं...

Mon, 26 Feb 2024 11:09 PM
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छोटी नहीं बड़ी भूल

यूनान में एक बहुत बड़ा मूर्तिकार हुआ है। उस मूर्तिकार की अद्भुत क्षमता थी। अगर वह किसी की मूर्ति बनाता और वह आदमी उस मूर्ति के पास अपनी सांस रोककर खड़ा हो जाता, तो यह पहचानना मुश्किल था कि कौन असली...

Sun, 25 Feb 2024 10:13 PM