मिशेल ने कोलकाता में जिस बच्ची को गोद लिया, वह महज दो माह की थी। न्यू जर्सी में रहते हुए वह अपने दोनों बच्चों की अच्छी परवरिश कर रही थीं, मगर उनके अंदर एक सोच हमेशा बनी रही कि गोद ली गई बेटी का...
Sat, 28 Oct 2023 10:32 PMदेश भर में दुर्गापूजा की धूम है, देवी प्रतिमाओं की कलात्मकता और उनके मूर्तिकारों के कला-कौशल पर दर्शनार्थी लहालोट हो रहे होंगे, पर सच यही है कि कलाकार हमेशा नेपथ्य में रह जाता है। उसकी रचनाधर्मिता...
Sat, 21 Oct 2023 10:37 PMराजेश के आगे उन आदिवासी स्त्रियों के संयम का उदाहरण था, जो न जाने कितने वर्षों से 100 रुपये कमाने की खातिर 15 किलोमीटर पैदल आती-जाती रहीं। जाहिर है, राजेश का वक्त आया, उन आदिवासी ्त्रिरयों के भी...
Sat, 14 Oct 2023 10:16 PMपचहत्तर सालों का एक संजीदा इंसान अपनी जिंदगी के खट्टे-मीठे अनुभवों से जो बर्दाश्त, ठहराव और गहराई बटोरता है, हमारे लोकतंत्र ने भी वे सारी खूबियां बटोरी हैं, पर कुछ लोग इसकी कद्र नहीं कर रहे, खासकर...
Sat, 07 Oct 2023 11:00 PMनेपाल और भारत का रिश्ता साझी संस्कृतियों का ही नहीं, साझे सपनों का भी है। इसीलिए जब-जब भी इन दोनों के आपसी रिश्तों में खटास पैदा हुई, तब-तब पशुपतिनाथ और बाबा विश्वनाथ के दरबार में गुहार के असंख्य...
Sat, 30 Sep 2023 10:11 PMदक्षिण भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में एक पुडुचेरी अपनी नैसर्गिक सुंदरता के कारण सबसे अलग है, मगर हरेक वैभव के साथ यह विडंबना जुड़ी होती है कि उसकी तलछट में तमाम कुरूपताएं जड़ें जमाए बैठी होती हैं...
Sat, 23 Sep 2023 11:07 PMअर्चना का साबका कई ऐसी आदिवासी बस्तियों से पड़ा, जहां के लोगों को स्कूल के बारे में पता ही नहीं था। उन भोले लोगों के लिए तो यह तक यकीन करना मुश्किल था कि पढ़ने-लिखने से उनका जीवन बदल जाएगा...
Sun, 17 Sep 2023 06:27 PMहिंदी के मशहूर कवि सुदामा प्रसाद धूमिल ने दशकों पहले लिखा था- लोहे का स्वाद/ लोहार से मत पूछो/ उस घोडे़ से पूछो/ जिसके मुंह में लगाम है। पीड़ा की समान अनुभूति के लिए इससे मार्मिक पंक्तियां आपको...
Sat, 09 Sep 2023 10:38 PMबताते हैं,एक समय भारत के लगभग हर गांव में अखाडे़ हुआ करते थे, जहां कसरत करते लड़के जवान होते थे। उन्हीं लड़कों में से जो ज्यादा मजबूत होते थे, उन्हें बाहर मुकाबले का मौका मिलता था। ऐसा ही एक मुकाबला...
Sat, 26 Aug 2023 10:39 PMअक्सर ऐसा होता कि भोर से देर शाम तक भटकने के बाद भी बोरी भर कचरा बीनने की सूरत नहीं दिखती और भूख से अंतड़ी ऐंठने लगती, तो लिलीमा की निगाह डिफेंस कॉलोनी की कचरा पेटियों पर जा टिकती। वह इनमें ऐसे...
Sat, 26 Aug 2023 10:28 PMमिथकों और मान्यताओं से परे ठोस हकीकत यही है कि इस दुनिया में जिंदगी सबको एक ही मिलती है और जो कुछ भी करना है, उसके लिए बस यही एक जीवन है। अक्सर नौकरीशुदा लोग जब सेवा से अवकाश ग्रहण करते हैं, तो...
Sat, 19 Aug 2023 08:29 PMएक दिन उसे एहसास हुआ, संसार में कुछ भी पूरा सुंदर नहीं है। हर जगह मुश्किलें हैं, मुसीबतें हैं, जख्म और दर्द हैं। बाहर संसार से अंदर चर्च तक, विकृत दुनिया के दृश्य पूरे विस्तार में दिखने लगे, मन में...
Sat, 12 Aug 2023 09:24 PMउनके पड़ोस में ही पिता-पुत्र की टीबी से मौत हो गई थी , उनका अंतिम संस्कार करने को कोई तैयार न था। अभिमन्यु ने न सिर्फ उन दोनों का दाह संस्कार किया, बल्कि अब तक 1,300 से अधिक लावारिस शवों व असमर्थ...
Sat, 12 Aug 2023 09:21 PMउनसे कहा गया कि पगड़ी उतारिए, जवाब मिला, ‘नहीं उतारूंगा, पहले कानून या लिखित नियम बताओ।’ धमकाया गया, ‘जूते उतारिए, जज साहब के सामने आप जूते पहनकर नहीं जा सकते,’ तब भी मणिलाल अड़ गए, ‘जूते क्यों...
Sat, 29 Jul 2023 11:29 PMजड़ों से उखाडे़ गए पौधों को दूसरी जगह पर स्नेहिल भाव से रोपा जाए, और उनकी अच्छी देखभाल की जाए, तो वे वाकई लहलहा उठते हैं। यह सिर्फ वनस्पतियों की हकीकत नहीं है, मानव सभ्यता का पूरा इतिहास इस बात का...
Sat, 29 Jul 2023 11:25 PMकहते हैं कि हर इंसानी जिंदगी अपने आप में एक मुकम्मल उपन्यास है। मगर सृष्टि के रचयिता ने रचनाकार बनने की अंतर्दृष्टि सबको नहीं सौंपी। इस जिम्मेदारी के लिए वह हमेशा कुछ खास किरदार चुनता रहा है...
Sat, 22 Jul 2023 09:47 PMअपनी घुमंतू जनजाति से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले राजू पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने गहराई से महसूस किया कि आदिवासी बच्चों की कितनी क्षमताएं यूं ही जाया हो रही हैं। सिर्फ इसलिए कि उनके पास कोई सही...
Sat, 08 Jul 2023 11:19 PMसच जानने के बाद जाल अपने हमउम्र साथियों के साथ भाग खड़े हुए। वे करीब 400 बाल सैनिक थे, जो अगले तीन महीने तक भागते ही रहे। मौत हर कदम पर उनकी संख्या कम करती गई और आखिरकार जब वे वात शहर पहुंचे, तब महज...
Sat, 01 Jul 2023 11:47 PMयह दुनिया आठ अरब से भी अधिक लोगों की है, और इससे कई गुना ज्यादा दुख-सुख की! अजूबा यह है कि इसमें सुख की चर्चा लोग कम करते हैं, पर अपना दर्द, अपनी तकलीफ सबको दूसरों से बड़ी दिखती है। मगर इस विशाल...
Sat, 24 Jun 2023 10:47 PMआपने गौर किया है कि एक लंबे समय तक कोलाहल, कलह, भय या हिंसा के बीच जीने वाले लोगों और हमारे-आपके स्वास्थ्य में कितना बड़ा अंतर होता है? ऐसे हालात में जीने को मजबूर ज्यादातर लोग किसी न किसी मानसिक...
Sat, 17 Jun 2023 09:56 PM